Powered by

Advertisment
Home हिंदी

CM Mohan Yadav in Bihar: मुख्यमंत्री मोहन का बिहार दौरा, क्या चुनाव में यादव वोट बैंक को लुभा पाएगा?

Mohan Yadav in Bihar: हाल ही में मोहन यादव ने पटना का दौरा किया। 2024 के चुनाव के लिए भाजपा की महत्वपूर्ण रणनीति का हिस्सा है यह दौरा।

By Chandrapratap Tiwari
New Update
CM Mohan Yadav in Bihar: मुख्यमंत्री मोहन का बिहार दौरा, क्या चुनाव में यादव वोट बैंक को लुभा पाएगा?

CM Mohan Yadav in Bihar: हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) अपने एक दिवसीय दौरे पर पटना गए। मुख्यमंत्री मोहन यादव को श्री कृष्ण चेतना विचार मंच द्वारा सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था। इस दौरान सीएम मोहन यादव पहले बिहार भाजपा प्रदेश मुख्यालय गए और इसके बाद वे इस्कॉन कृष्ण मंदिर पहुंचे। जहां उनके सम्मान में विशेष कृष्ण आरती आयोजित की गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव की यह बिहार यात्रा आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए किस तरह से महत्वपूर्ण है। जानिए इस रिपोर्ट में।  

मोहन यादव ने बताया श्रीकृष्ण और उज्जैन का पुराना रिश्ता

बिहार में अपने भाषणों में मोहन यादव ने कई विषयों पर बात की। उन्होंने श्रीकृष्ण के जीवन और आदर्शों पर बात करते हुए कहा की वे महाकाल की पावन नगरी उज्जैन और क्षिप्रा के तट से आकर गंगा माँ के तट वासियों को प्रणाम करते हैं। उन्होंने यह भी बताया की भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा-दीक्षा उज्जैन में हुई है। 

मोहन यादव ने बिहार के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि, पहले जो 4 बीमारू राज्य (बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश) थे, जिनमें से 3 तरक्की की राह पर आगे बढ़ चले लेकिन बिहार अभी भी एक बीमारू राज्य बना हुआ है। उन्होंने कहा की कई राज्यों ने भले ही औद्योगिक प्रगति की हो लेकिन उनके कारखानों की दीवारें अभी भी बिहार के लोगों के पसीने से सुगन्धित हैं, बिहार वही राज्य है जो देश को सबसे अधिक आईएएस व आईपीएस देता है। वंशवाद पर निशाना साधते हुए CM यादव ने कहा की कैसे नरेंद्र मोदी ने एक आम कार्यकर्ता, एक यादव के बेटे को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है।  

CM यादव की यात्रा से उत्साह में बिहार भाजपा

इस यात्रा को लेकर बिहार बीजेपी काफी उत्साहित नजर आई। भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव ने कहा की "श्री कृष्ण चेतना मंच यादव समाज का एक संगठन है. चूँकि मोहन यादव पूरे देश में यादव समुदाय से एकमात्र मुख्यमंत्री हैं, इसलिए देश में सबसे अधिक शिक्षित व्यक्ति होना यादवों के लिए गर्व की बात है।"

वहीं भाजपा के राकेश सिंह बताया की मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने से बिहार के यादव बहुत खुश हैं। राकेश सिंह ने राजद और यादवों के संबंध में  बयान  देते हुए कहा की "यादव समाज का झुकाव अब बीजेपी की ओर है. यहां एक ऐसा परिवार है जिसे लगता है कि यादव उनकी जेब में हैं. अब उनकी दुकान बंद होने वाली है"

विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

मोहन यादव के हालिया बिहार दौरे को लेकर राजद प्रवक्ता एज्या यादव ने प्रतिक्रिया दी है कि "बीजेपी की शुरू से परंपरा रही है कि चुनाव के वक्त कई जातियों के नेता को हर प्रदेश में भेजते हैं. इस बार बीजेपी बिहार में मोहन यादव को भेज रहे है. वो मोहन भागवत को ही क्यों न भेज दें, कोई फर्क नहीं पड़ता है। "

राजद की राष्ट्रीय प्रवक्ता कंचन यादव ने मोहन यादव की बिहार यात्रा के मद्देनजर बयान दिया की "बीजेपी ने उन्हें सीएम सिर्फ इसलिए बनाया था ताकि वे बिहार और यूपी के यादवों को लुभा सकें, लेकिन इसका परिणाम नहीं मिलने वाला है. उन्होंने एक यादव सम्मेलन का आयोजन किया था, लेकिन सम्मेलन में आये लोगों का कहना था कि उन्हें धोखा दिया गया है क्योंकि यह नहीं बताया गया कि यह भाजपा का कार्यक्रम है।"

वहीं जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, जाति के नाम पर धर्म के नाम पर तनाव पैदा करके राजनीति करना है और हम जाति नहीं बल्कि जमात की बात करते है. बीजेपी के लोग विभिन्न प्रदेशों में विभिन्न जातियों लोगों को सीएम बना कर सोचते है कि उस जाति के वोट बैंक पर इनका कब्जा हो चुका है। 

इसके अलावा कांग्रेस नेता राजेश राठौर ने भाजपा को घेरते हुए कहा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बिहार आ रहे हैं. तो स्वागत है, लेकिन अगर बीजेपी यादव वोट ठीक करने के लिए बुला रही है. इसका मतलब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फेल है. राजधानी पटना के सांसद रामकृपाल यादव फेल है और ये मान के चले की आने वाले चुनाव में नित्यानंद राय और रामकृपाल यादव का टिकट कटना पूरी तरह तय है।

यादव वोट और 2024 का लोकसभा चुनाव

बिहार में यादव सबसे बड़ी जाति है। हाल की जातीय जनगणना की मानें तो बिहार में यादवों की जनसंख्या वहां की कुल आबादी की 14.7 फीसदी है। और यह बड़ी आबादी मुख्य रूप से लालू यादव की RJD की वोटर रही है। 

बिहार की 40 में से लगभग 11 लोकसभा सीटें हैं जहां यादवों की निर्णायक भूमिका है। अगर 2019 के आम चुनावों का उदहारण लें तो UPA, जिसका एक घटक दल राजद भी था को  बड़े मार्जिन में यादवों का वोट मिला, परन्तु CSDS लोकनीति सर्वे के आंकड़ों के अनुसार पिछले नतीजों की तुलना में यादवों का वोट प्रतिशत थोड़ा सा घटा है। लोकनीति के अनुसार 55 फीसदी यादव मत UPA को मिले वहीं NDA को भी 21 फीसदी मत प्राप्त हुए थे। 

भाजपा के वर्तमान प्रयासों को देखा जाये तो यह लगातार उत्तर प्रदेश एवं बिहार के यादवों को साधने में जुटी हुई है। मोहन यादव भारत के इकलौते यादव मुख्यमंत्री हैं। यादव समुदाय के केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय 2016 से 2019 तक बिहार बीजेपी के अध्यक्ष रहे हैं। भाजपा ने उन्हें प्रमोट करते हुए केंद्र में गृह राज्य मंत्री भी बनाया। नवम्बर 2023 में बिहार बीजेपी ने एक यदुवंशी कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी जहां नित्यानंद राय ने यह दावा किया की अब तक 21 हजार यादव भाजपा की सदस्यता ले चुके हैं। 

आने वाले दिनों में आगे क्या?

जैसा की अब लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आ रहे हैं और ऐसी स्थिति में एक यादव चेहरे का मुख्यमंत्री चुना जाना, उनका एक महीने के भीतर ही बिहार का दौरा यह साफ संकेत देता है कि भाजपा उत्तर प्रदेश एवं बिहार के यादवों को अपने पाले में करना चाहती है। राजनीतिक गलियारों में ऐसी भी अटकले हैं कि मुख्यमंत्री मोहन यादव जल्द ही उत्तर प्रदेश का दौरा भी कर सकते हैं। अब यह पासा पलटने पर ही पता चलेगा की बीजेपी का दांव कितना सफल रहा है?   

UN Report 2023: भारत में हर पांच में से एक हत्या की मूल वजह पानी!

Vadodara Boat Accident: गुजरात में कब-कब पलटी नाव, कैसे हुए जानलेवा बड़े हादसे, पढ़ें ये रिपोर्ट

Bhopal BRTS Explained: शिवराज की 360 करोड़ की योजना पर CM मोहन का ‘बुलडोजर’!

खाद्य संकट : भारत में बढ़ती ज़रूरत के बीच आनाजों की घटती गुणवत्ता

ज़रुरी खबरें पाने के लिए Ground Report Hindi के Whatsapp समूह से जुड़िये। आप हमें अपनी राय [email protected] पर मेल कर सकते हैं।