समाज के चतुर्दिक विकास के लिए हर नागरिक को शिक्षित होना जरूरी है. अफसोस है कि आजादी के इतने साल बाद भी हमारे देश के सभी परिवारों तक शिक्षा की पहुंच नहीं हो पायी है.
नैतिक विश्लेषण हमेशा दिखाता है कि समाज नंगा है. इसलिए मैं इसे अनदेखा कर केवल संवैधानिक नैतिकता की ओर ध्यान खींच रही हूं और कुछ कानूनी पहलुओं को दिखाने की कोशिश कर रही हूं.