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Charkha Feature

जब बर्तन बिकेंगे, तब खाने का इंतजाम होगा लोहार समुदाय के संघर्ष और अस्तित्व की कहानी

जब बर्तन बिकेंगे, तब खाने का इंतजाम होगा लोहार समुदाय के संघर्ष और अस्तित्व की कहानी
ByCharkha Feature

यह अजमेर के लोहार समुदाय की कहानी है, जो पीढ़ियों से लोहे के बर्तन बनाते आ रहे हैं, लेकिन बदलते समय में उनका पारंपरिक शिल्प अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है।

हर घर नल जल योजना: बिहार में लक्ष्य तक पहुंचने की चुनौती

Nal Jal Yojana in Bihar
ByCharkha Feature

जल जीवन मिशन की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 तक बिहार के 95.71% घरों में स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। लेकिन पानी की स्वच्छता और सप्लाय को लेकर चुनौतियां सामने आ रही हैं।

राजस्थान के गांवों में आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

rural women
ByCharkha Feature

इस समय राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की सबसे अधिक ज़रूरत है. राज्य के कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जो आज भी सरकारी योजनाओं की पहुंच से दूर हैं.

बिहार में "हर घर शौचालय' का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

Villages with no toilets in Bihar
ByCharkha Feature

बिहार का कैशापी पुरानी डिह गांव जो जिला मुख्यालय से 23 किमी और डोभी प्रखंड से करीब 5 किमी दूरी पर स्थित हैं, यहां सभी घरों में आज भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है.

क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?
ByCharkha Feature

देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने पशुपालन भी एक प्रमुख साधन है. लेकिन हाल के कुछ वर्षों में राजस्थान के कई ग्रामीण इलाकों में पशुपालन किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित होता जा रहा है.

स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?
ByCharkha Feature

पटना के कुछ इलाके अभी भी ऐसे हैं जहां आज भी साफ़-सफाई बहुत अधिक नज़र नहीं आती है. इन्हीं में एक अदालतगंज स्थित स्लम बस्ती भी है. जहां स्वच्छता का विशेष प्रभाव नज़र नहीं आता है.

शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

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ByCharkha Feature

राजस्थान देश का दूसरा ऐसा राज्य है जहां इस योजना की रफ्तार बहुत कम है. यहां 01,07,04,126 घरों में से मात्र 53,63,522 घरों में नल का कनेक्शन पहुंच सका है. न केवल ग्रामीण क्षेत्रों बल्कि शहर में आबाद कच्ची बस्तियों में भी पीने के पानी की बहुत बड़ी समस्या है.

ग्राम समुदाय की सहभागिता से संभव है पर्यावरण संरक्षण

ग्राम समुदाय की सहभागिता से संभव है पर्यावरण संरक्षण
ByCharkha Feature

दुनिया भर में पर्यावरण एक अहम मुद्दा बनता जा रहा है. यह वह मुद्दा है जिस पर क्रियान्वयन कम और संपूर्ण सृष्टि पर इसका प्रभाव अधिक नजर आ रहा है. थार (Thar) का पर्यावरण भी अति संवेदनशील है. जरा सी नकारात्मक छेड़छाड़ अथवा सकारात्मक पहल का प्रभाव बड़ा होता है.

मशरूम की खेती बनी महिला किसानों की नयी पहचान

मशरूम की खेती बनी महिला किसानों की नयी पहचान
ByCharkha Feature

नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि 2021-22 में बिहार (Bihar) में तकरीबन 28,000 मीट्रिक टन मशरूम (Mushroom) का उत्पादन हुआ है, जो देश मे उत्पादित कुल मशरूम का 10.82 फीसदी है.

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