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मध्य प्रदेश में करोड़ों का 'Food Scam' कैसे दिया गया अंजाम, देखें

Madhya Pradesh Food Scam : मध्य प्रदेश में आहार घोटाला सामने आया है। हैरानी की बात ये kfमंत्रालय राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान के पास है।

By Ground report
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पोषण आहार योजना

Madhya Pradesh Food Scam : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पोषक आहार घोटाला सामने आया है।। पोषण आहार योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों  की पहचान, उत्पादन, अनाज बांटने और क्वालिटी कंट्रोल में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। हैरानी की बात है कि ये मंत्रालय राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के पास है।

NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में पोषण आहार योजना काफी बड़े पैमाने (Madhya Pradesh Food Scam) पर हेराफेरी कर घाटाले को अंजाम दिया गया है। NDTV ने बताया कि उनके पास अकाउंटेंट जनरल की रिपोर्ट लगी है, जिसमें लाभार्थियों की पहचान में हेराफेरी,मुफ्त भोजन योजना के वितरण और गुणवत्ता नियंत्रण में बड़ी गड़बड़ी है।

काग़ज़ पर ट्रक और हकीकत में बाइक

NDTV रिपोर्ट के मुताबिक- पोषण आहार योजना के तहत करीब साढ़े 49 लाख रजिस्टर्ड बच्चों और महिलाओं को पोषण आहार दिया जाना था। लेकिन करोड़ों रूपये का यह सरकारी राशन काग़ज़ में तो चढ़ा है। यह भी बताया गया है कि ट्रकों में भर राशन पहुंचा दिया गया। लेकिन जांच में पाया गया कि जिन ट्रकों के नंबर बताए गए थे वो दरअसल मोटरसाइकिल, ऑटो, कार, टैंकर के थे।

https://twitter.com/Indian10000000/status/1566456859950825477?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1566456859950825477%7Ctwgr%5Ec237125cddd8525f466cf17ddefc46098d7d37fb%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fgroundreport.in%2Fmp-food-scam-mid-day-meal-scam-in-madhya-pradesh-read-full-story%2F

जांच में ये भी पता चला कि लाखों बच्चें ऐसे हैं जो स्कूल में नहीं है, लेकिन उनके नाम से करोड़ों का राशन बांट दिया गया। सबसे ज़्यादा हैरानी की बात यह रही कि इस विभाग में इतने बड़े पैमाने पर करोड़ों का घोटाला (Madhya Pradesh Food Scam) किया जा रहा था,वो मंत्रालय राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान के पास है। मासूस बच्चों का राशन भी नहीं छोड़ा जा रहा है। इस भ्रष्टाचार के दीमक ने दिमाग़ के साथ-साथ इनका ईमान भी चाट लिया है।

NDTV की ख़बर के मुताबिक, पोषण आहार योजना के एकाउंटेंट जनरल की रिपोर्ट बताती है कि फर्मों ने 6.94 करोड़ की लागत वाले 1125.64 एमटी टीएचआर का परिवहन करने का दावा किया। लेकिन वाहन डेटाबेस के सत्यापन के बाद पता चला कि इस्तेमाल किए गए वाहन मोटरसाइकिल, कार, ऑटो और टैंकर के रूप में पंजीकृत थे। डेटाबेस में ट्रक बिल्कुल भी मौजूद नहीं हैं। इसके बाद इस घोटाले (Madhya Pradesh Food Scam) की सारी परते खुलती चली गईं।

https://twitter.com/Indian10000000/status/1566456859950825477?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1566457538312380417%7Ctwgr%5Ec237125cddd8525f466cf17ddefc46098d7d37fb%7Ctwcon%5Es2_&ref_url=https%3A%2F%2Fgroundreport.in%2Fmp-food-scam-mid-day-meal-scam-in-madhya-pradesh-read-full-story%2F

जांच में मिली 100 करोड़ से अधिक की हेराफेरी

रिपोर्ट की जांच के दौरान, यह पाया गया कि साफ तौर पर यहां आकड़ों में हेर फेर करके (Madhya Pradesh Food Scam) 110.83 करोड़ रुपये के मूल्य के राशन का फर्जीवाड़ा हुआ। वहीं अब राज्य के एजी ने अपनी रिपोर्ट में इस धोखाधड़ी/ दुरुपयोग के मामले में संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की सिफारिश की है। इमरती देवी के उपचुनाव हारने के बाद से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पास ही है।

रिपोर्ट में कहा गया कि सीडीपीओ, डीपीओ, प्लांट अधिकारी और परिवहन की व्यवस्था करने वाले अधिकारी, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस धोखाधड़ी में शामिल थे।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में मार्च 2021 तक 49.58 लाख पंजीकृत लाभार्थियों को पोषक अहार प्रदान किया गया था, जिसमें 6 महीने से 3 वर्ष की आयु के 34.69 लाख बच्चे, 14.25 लाख गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं और 11-14 वर्ष की आयु के 0.64 लाख OOSAG शामिल हैं। इस घोटाले के बाद से सीएम शिवराज सिंह की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। पहले से ही ऐसी ख़बर आई थी कि दिल्ली में बैठे कुछ लोग शिवराज के काम से खुश नहीं हैं।

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