Ganesh Chaturthi 2022 : हमारे देश में यूं तो अनगिनत त्योहार मनाए जाते हैं। हर त्योहार का अलग रंग और उत्साह रहता है। लेकिन कुछ त्योहार ऐसे होते हैं जो बिल्कुल ही अलग होते हैं। पूरा देश एक साथ उस त्योहार में डूब जाता है। ऐसा ही एक बेहद ख़ास त्योहार है ‘गणेश चतुर्थी’। इसके आते ही एक अलग सा उत्साह दिखने को मिलता है। महाराष्ट्र में इसको बड़ी धूम से मनाया जाता है। देशभर में सभी धर्मों के लोग इस त्योहार को मिल जुलकर मनाते नज़र आते हैं। आइये आज आपको बताते हैं कि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) क्यों मनाई जाती है और इसकी शुरुआत किसने की थी?
Ganesh Chaturthi 2022 : गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?
Ganesh Chaturthi 2022 : गणेश चतुर्थी का यह पर्व देशभर में पूरी धूमधाम के साथ 10 दिनों तक मनाया जाता है। इस बार 31 अगस्त, 2022 बुधवार से गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2022) पर्व की शुरूआत है। गणेश चतुर्थी के दिन भक्त गणपति की मूर्ति को घर में लाकर 10 दिनों के लिए स्थापना करते हैं। स्थापना के बाद से अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा-पाठ की जाती है। फिर अनंत चतुर्दशी भगवान श्री गणेश का पानी में विसर्जन किया जाता है।
- इस त्योहार को लेकर कई कहानियां पढ़ने को मिलती हैं। लेकिन इनमें से जो सबसे अधिक प्रचलित है वो यह कि, शिवपुराण के अनुसार, इस तिथि पर भगवान श्रीगणेश का जन्म हुआ था, इसलिए ये पर्व गणेश चतुर्थी मनाया जाता है।
- कहा जाता है कि भगवान शिव की पत्नी पार्वती ने स्नान करते हुए अपने मैल से एक बच्चे रुपी आकार का पुतला बनाया और उसमे प्राण पतिष्ठा की थी। लेकिन इस बच्चे ने शिव को पार्वती से मिलने नहीं दिया था।
- क्रोधित होकर भगवान शिव ने गणेश का सर धड़ से अलग कर दिया था। माता पार्वती की ज़िद के बाद गणेश को नया सर दिया गया। सबसे पहले क्योंकि हाथी मिला तो उसी का सर गणेश जी को लगा दिया गया।
Ganesh Chaturthi 2022 : पेशवा शासकों ने देशभर में फैलाया गणेशोत्सव
ऐसा बताया जाता है ति इस देश में यूं तो गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) को सबसे भव्य रूप दिया पेशवाओं ने। जब पूना और इसके आस-पास के इलाक़ों में पेशवा शासकों का राज्य था। तब उन्होंने ही गणेश चतुर्थी का पर्व भव्य रूप से मनाना शुरू किया। लेकिन उस समय यह पर्व सिर्फ 1 ही दिन मनाया जाता था।
अंग्रेज़ों के बढ़ते प्रभाव और हिंदू धर्म पर लगातार हमलों से परेशान लोकमान्य तिलक ने सोचा कि हिंदू धर्म को कैसे संगठित किया जाए? तब उनके मन में सामूहिक गणेश उत्सव मनाने का विचार आया। फिर लोकमान्य तिलक ने पूना में सन् 1893 में सार्वजनिक गणेशोत्सव (Ganesh Chaturthi) की शुरूआत की। फिर इशके बाद उन्हें देखकर धीरे-धीरे पूरे महाराष्ट्र में सार्वजनिक गणेशोत्सव (Ganesh Chaturthi) मनाया जाने लगा।
धीरे-धीरे गणेशोत्सव (Ganesh Chaturthi) मनाने की ये परंपरा पूरे देश में फैल गई। लोकमान्य तिलक ने पूना में एक सभा आयोजित कर ऐलान किया कि गणेश उत्सव सिर्फ 1 दिन न मनाकर 10 दिन मनाया जाए। सभी लोगों ने इसका समर्थन किया। इस तरह गणेश उत्सव 10 दिन मनाने की परंपरा शुरू हुई। तब से आज तक पूरे देश में 10 दिनों तक इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
Ganesh Chaturthi 2022 Date - इस साल गणेश चतुर्थी का महोत्सव 31 अगस्त 2022 से से शुरू हो रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी हर साल भादो पद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है।
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