Powered by

Advertisment
Home हिंदी

DAVV इंदौर से संबंद्ध कॉलेजों में 30 फीसदी क्षेत्र में हरियाली ज़रुरी

इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) ने पर्यावरण की बहाली के तहत नए नियम बनाए हैं। इन नियमों के अंतर्गत कॉलेजों को अपने परिसर का हिस्सा ग्रीन कैंपस के रूप में विकसित करना पड़ेगा।

By Chandrapratap Tiwari
New Update
DAVV

dauniv.ac.in

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) ने पर्यावरण की बहाली के तहत नए नियम बनाए हैं। इन नियमों के अंतर्गत कॉलेजों को अपने परिसर का एक हिस्सा ग्रीन कैंपस के रूप में विकसित करना पड़ेगा। भविष्य में जो भी कॉलेज ये ग्रीन कैंपस विकसित नहीं कर पाएंगे, उनकी विश्वविद्यालय से संबद्धता निरस्त हो सकती है। आइये समझते हैं क्या है ये पहल। 

Advertisment

क्या है हालिया स्थिति 

डीएवीवी हर साल 85-90 कॉलेजों की संबंद्धता का नवीनीकरण करता है। इसके लिए विश्वविद्यालय की एक कमेटी इन कॉलेज कैंपस का निरिक्षण करके रिपोर्ट पेश करती है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही कॉलेजों की संबद्धता बनाए रखने का फैसला होता है।
 
वर्तमान में डीएवीवी से कुल 244 कॉलेज हैं, जिनमे 2 लाख 70 हजार छात्र पढ़ते हैं। इनमें से 85 से 90 कॉलेजों में हर वर्ष नवीनीकरण के लिए निरिक्षण होता है। लेकिन इन 244 कॉलेजो में से सिर्फ 5 कॉलेज ऐसे हैं जिनमें 15 प्रतिशत का ग्रीन कवर है।

पर्यावरण मापदंडों को पूरा करने पर ही मिलेगी संबद्धता 

इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने इस सत्र में कॉलेजों की संबद्धता के लिए एक नया मापदंड जोड़ा है। इसके तहत विश्वविद्यालय के अंतर्गत हर कॉलेज को अपने परिसर का 30 फीसदी हिस्सा हरा भरा बनाना अनिवार्य है। अन्यथा उनकी संबद्धता निरस्त की जा सकती है, या उसे शर्तों के साथ जारी रखा जा सकता है। 

हर सत्र के बाद विश्वविद्यालय की ओर से एक कमेटी का गठन किया जाएगा। ये कमेटी विश्वविद्यालय के अंतर्गत सभी कॉलेजों के ग्रीन कवर की स्थिति की जांच करेगी। इस कमेटी की रिपोर्ट पर ही आखिरी फैसला लिया जाएगा। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किसी कॉलेज को सत्र पूरा होने से पहले भी असंबद्ध किया जा सकता है। 

डीएवीवी पहले भी कर चुका है ऐसे प्रयोग 

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के प्रशाशन ने यह कदम उठाने से पहले नालंदा कैंपस में ग्रीन कवर विकसित करने का प्रयास का किया था जिसमें वे सफल रहे हैं। अब विश्विद्यालय प्रशाशन तक्षशिला परिसर (यूटीडी) को हरा भरा बनाने की तैयारी में है। इन्हीं सफलताओं को मद्देनजर रखते हुए विश्वविद्यालय प्रशाशन ने यह नया मापदंड जोड़ा है। 

डीएवीवी प्रशाशन पहले भी अपने संबद्धता के मापदंड बढ़ा चुका है। मसलन इससे पहले 2023 में बीएम कॉलेज की महिला प्राचार्य को जिंदा जलाए जाने की घटना हुई थी। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशाशन ने मापदंडो सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गॉर्ड की अनिवार्यता का मापदंड जोड़ा था। अब इन मापदंडों को ग्रीन कवर बनाए रखने तक बढ़ाया गया है। 

हालांकि अभी कॉलेजों के सत्र चालू हो चुकें हैं, इसलिए अभी इन मापदंडों को सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है। लेकिन 2025 से विश्वविद्यालय इन मापदंडों को सख्ती से लागू करेगा। इन मापदंडों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशाशन विस्तृत गाइडलाइन तैयार कर रहा है। मध्यप्रदेश के अंदर किसी विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण को समर्पित यह अनूठा प्रयोग है, हालंकि की इस प्रयोग का परिणाम आने वाले समय में पता चलेगा।   

यह भी पढ़ें

पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए आप ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुकट्विटरइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सएप पर फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।