Sikkim Flood Explained | भारत के दक्षिणपूर्व राज्य सिक्किम के साउथ ल्होनाक (South Lhonak) ग्लेशियल लेक के फटने से राज्य में बाढ़ आ गई है. यह बाढ़ इतनी भयानक थी कि प्रदेश के कुछ मुख्य हाईवे और ब्रिज सहित एक बड़ा बाँध भी इसकी चपेट में आ गया. बताया जा रहा है कि तीस्ता नदी पर बना चुंगथांग बाँध 12 सौ मेगावाट मेगा तीस्ता स्टेज III हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का हिस्सा था. 60 मीटर ऊँचा यह डैम तीस्ता नदी पर बना था. लेक के फटने से उसका पानी तीस्ता नदी से होते हुए डैम तक पहुँचा. पानी का बहाव इतना तेज़ था कि वह डैम को भी अपने साथ बहा कर ले गया. डैम के टूटने से 5.08 मिलियन क्यूसिक मीटर पानी भी डाउनस्ट्रीम की ओर बह गया जिससे बाढ़ और भी भयानक हो गई.
निचले इलाके में हाई अलर्ट जारी
सोशल मीडिया पर आ रहे दृश्यों और स्थानीय लोगों के अनुसार ज़िले की नदियों में मतमैला पानी बह रहा है जिससे इस बाढ़ के भयावह होने का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. ख़तरे को देखते हुए गंगटोक और पैकयोंग (Pakyong) ज़िले में भी हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है. साथ ही लोगों को नदियों के किनारे न जाने की सलाह दी गई है.
सेना के जवान लापता
इस बाढ़ के चलते आर्मी के 23 जवान लापता हो गए हैं. इसके अलावा 20 नागरिकों के भी लापता होने की खबर है. सेना के बयान के मुताबिक, “चुंगथाम डैम से पानी छोड़े जाने के चलते जल स्तर अचानक से 15 से 20 फीट बढ़ गया. इससे आर्मी के वाहनों को नुकसान पहुँचा है. कुछ वाहनों के बह जाने की भी खबर है.” लापता जवानों और नागरिकों को खोजने के लिए सेना सर्च ऑपरेशन चला रही है.
प्रधानमंत्री से दिया मदद का भरोसा
इस बाढ़ पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उन्होंने सिक्किम के मुख्य मंत्री प्रेम सिंह तमंग से बात करके मामले की जानकारी ली है. ट्वीट में प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमन्त्री को हर संभव मदद का भरोसा दिया है. वहीँ राज्य के मुख्यमंत्री खुद सिंगताम पहुंचकर बाढ़ से हुए नुकसान को देख रहे हैं.
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