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संविधान बदलने की बात करने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा के आगे नतमस्तक है मध्यप्रदेश सरकार

who is pandit pardeep mishra

देश भर के हिंदू संतों ने मानों भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मुहिम छेड़ दी है, अब तो वो संविधान बदलने की भी बात करने लगे हैं। आए दिन कई हिंदू साधू संत हेट स्पीच या कोई विवादित बयान देते नज़र आ ही जाते हैं। इसी लीग में शामिल हो गए हैं मध्यप्रदेश के सीहोर शहर के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा। उन्होंने एक कथा के दौरान देश के संविधान को बदलकर हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग की, यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो इस पर विवाद शुरु हो गया है। सीहोर शहर के दलित संगठनों ने पंडत प्रदीम मिश्रा का विरोध किया और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। आईये जानते हैं क्या कहा था पंडित प्रदीप मिश्रा ने और वो आखिर हैं कौन?

शुक्रवार को मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में कथा सुनाते हुए गीत गाते हुआ कहा कि भारत को सोने की चिड़िया से अब सोने का शेर बनाना है, संविधान को बदलना है और हिंदू राष्ट्र बनाना है।

सोने की चिड़िया को अब सोने का शेर बनाना है।
सोने की चिड़िया को अब सोने का शेर बनाना है।।
संविधान को बदलो… हमको हिंदू राष्ट्र बनाना है।
संविधान को बदलो… हमको हिंदू राष्ट्र बनाना है।।
ओ जय हो हिंदुस्तान… मेरे प्यारे हिंदुस्तान।
जय हो हिंदुस्तान… मेरे प्यारे हिंदुस्तान।।

क्यों हो रहा है विरोध?

संविधान को बदलने की अपील करता यह वीडियो दलित संगठनों को रास नहीं आया। दलित संगठनों ने इसका विरोध किया और पंडित मिश्रा के खिलाफ देश द्रोह का मामला दर्ज करने की अपील की। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक दलित संजय अंबेडकर ने का कि पंडित मिश्रा ने भारतीय संविधान का अपमान किया है। उन्होंने भारतीय संविधान को बदलने की बात कही है जो देशद्रोह का मामला है। अगर उन्होंने 24 घंटे में माफी नहीं मांगी तो उनका पुतला दहन किया जाएगा।

कौन है पंडित प्रदीप मिश्रा जिनके आगे नतमस्तक है मध्यप्रदेश सरकार?

पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर शहर के कथावाचक हैं, वो पूरे देश में अपनी शिव कथा पुराण वाचन के लिए जाने जाते हैं। वो अक्सर अपने बयानों की वजह से विवादों में रहते हैं। उनकी लोकप्रियता की वजह से मध्यप्रदेश सरकार उनके आगे नतमस्तक रहती है। हाल ही में जब उन्होंने रायसेन के किले में बंद भगवान शंकर के मंदिर का ताला खोलने की अपील प्रशासन से की थी तो इसके देशभर में चर्चा हुई थी। इस बात को कहते हुए वो रो दिए थे, जिसकी वजह से खुद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को उन्हें मनाने आना पड़ा था।

आमूमन साधू संत और धर्मोपदेश देने वाले संतों का व्यवहार बड़ा ही सौम्य होता है लेकिन पंडित प्रदीप मिश्रा अपने क्रोध के लिए भी जाने जाते हैं। हाल ही में रतलाम में कथा सुनाते हुए वो क्रोध में कथा बीच में ही छोड़ कर चले गए क्योंकि उनका माईक खराब था। उनकी कथा सोशल मीडिया और यूट्यूब पर काफी लोकप्रिय हैं जिसके कारण उनका माईक खराब होना उन्हें पसंद नहीं।

पंडित जी भक्तों को मुफ्त मे रुद्राक्ष भी बांटते हैं, जिसके कारण कई लोग उनके आश्रम पहुंचते हैं। महाशिवरात्री के दौरान इतनी भीड़ हो जाती है कि प्रशासन के लिए संभालना मुश्किल हो जाता है।

एर बार सीहोर के पंडित जी उत्तराखंड के हरिद्वार में दर्घटना के शिकार हो गए थे। उनकी कार बुरी तरह दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी लेकिन फिर भी गाड़ी में सवार लोगों को खरोंच तक नहीं आई थी। इसके तुरंत बाद वो कथा सुनाने पहुंच गए थे।

हालांकि पंडित प्रदीप मिश्रा ने जो संविधान को बदलने वाला गीत बनाया है उसे देशद्रोह की श्रेणी में रखा जाता है या नहीं यह देखना होगा। हालांकि सरकार इस धारा का इस्तेमाल केवल अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंदीयों के लिए ही करती है, पंडित प्रदीप मिश्रा के आगे तो सरकारें सिर झुकाती हैं, इसलिए ऐसी कोई आशंका नज़र नहीं आती।

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Author

  • Pallav Jain is co-founder of Ground Report and an independent journalist and visual storyteller based in Madhya Pradesh. He did his PG Diploma in Radio and TV journalism from IIMC 2015-16.