Powered by

Advertisment
Home हिंदी

भोपाल में नियमों को ताक पर रखकर वन क्षेत्र में मनाया गया न्यू इयर

बीते साल के जाने और नए साल के आने का जश्न सारी दुनिया में मनाया गया. भोपाल में इकोसेंसिटिव ज़ोन में मानाए गए जश्न को लेकर विवाद हो रहा है.

By Ground Report
New Update
Bhopal Tiger

साल 2023 गुज़र चुका है. बीते साल के जाने और नए साल के आने का जश्न सारी दुनिया में मनाया गया. भोपाल भी इससे अछूता नहीं रहा. मगर यहाँ के इकोसेंसिटिव ज़ोन में मानाए गए जश्न को लेकर विवाद हो रहा है. पर्यावरण एक्टिविस्ट राशिद नूर ने बताया कि बीते 31 दिसंबर और 1 जनवरी के दरम्यान देर रात तक वन विहार और केरवा-कलियासूत क्षेत्र में डीजे पार्टी का आयोजन अलग-अलग प्रतिष्ठित होटलों द्वारा किया गया. चूँकि यह दोनों ही स्थान बाघ भ्रमण क्षेत्र के साथ ही इकोसेंसिटिव ज़ोन हैं इसलिए ऐसा किया जाना गंभीर अपराध है.

Advertisment

क्या है मामला?

नए साल के जश्न के लिए भोपाल के बाकी होटलों और रिसॉर्ट्स में पार्टी का आयोजन किया जा रहा था. इसी क्रम में वन विहार के पास स्थित होटल सयाजी और कालियासूत-केरवा क्षेत्र में स्थित होटल व्हाइट ऑर्चिड में भी पार्टी का आयोजन किया जा रहा था. मध्य प्रदेश में लाउडस्पीकर को लेकर पहले से ही सख्त निर्देश हैं. मगर रशीद नूर की शिकायत के अनुसार भोपाल के इन इकोसेंसिटिव ज़ोन में नियमों के विरुद्ध रात 2 बजे तक डीजे बजते रहे. 

नूर का मानना है कि इस तरह से डीजे बजना वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम का उल्लंघन है.

“वन विहार एक रेस्क्यू सेंटर भी है. यहाँ घायल पशुओं का इलाज किया जाता है. ऐसे में यह शोर उनको तकलीफ़ पहुँचाता है.”

नूर बताते हैं कि वन विहार और कालिया सूत के आस-पास कई दुर्लभ प्रजाति की चिड़िया भी पाई जाती हैं. हाई पिच वाला शोर उनके लिए जानलेवा भी साबित होता है. 

नियम क्या कहते हैं?

ज़ू से सम्बंधित नियमों के अनुसार ज़ू को शोर से मुक्त होना चाहिए. हालाँकि यह सुनिश्चित करना सम्बंधित ज़ू के प्रशासन की ज़िम्मेदारी होती है. नियमों के तहत प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होता है कि ज़ू के अन्दर ऐसी कोई भी गतिविधि न हो जिससे शोर पैदा हो. चूँकि यह होटल्स ज़ू के बाहर स्थित हैं ऐसे में शोर को रोकने का उत्तरदायित्व नगरीय प्रशासन पर आ जाता है. इसके अलावा हाल ही में हुई घोषणा के बाद ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम के अंतर्गत प्रदेश में ध्वनि विस्तारक यंत्रो का उपयोग वर्जित है.

इस मामले में भोपाल के जिलाधिकारी आशीष सिंह ने कहा कि उन्हें शिकायत प्राप्त हुई है और वह मामले में जाँच करवाएँगे.

“यदि नियमों का उल्लंघन किया गया होगा तो कार्यवाही की जाएगी”

यह भी पढ़ें

मध्य प्रदेश की सभी ज़रूरी खबरें पाने के लिए Ground Report के Whatsapp समूह से जुड़िये। आप हमें अपनी राय [email protected] पर मेल कर सकते हैं।