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महाकाल लोक से जुड़ी हर अहम जानकारी ; भव्यता देख हर कोई हैरान

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पावन शहर उज्जैन (Ujjain) में महाकाल लोक (Mahakal lok) के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है।

By Nehal Rizvi
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महाकाल लोक Mahakal lok

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पावन शहर उज्जैन (Ujjain) में महाकाल लोक (Mahakal lok) के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन पहुंचकर महाकाल लोक (Mahakal lok) का लोकार्पण करेंगे। इस ख़बर से भक्तों में बेहद उत्साह देखने को मिल रहा है। उज्जैन (Ujjain) के महाकाल (Mahakal lok) मंदिर में 856 करोड रुपए की लागत से बने महाकाल लोक को लेकर देशभर में चर्चा है। दो चरणों में इसका काम पूरा किया जाना है। इसको पहले महाकाल कॉरिडोर कहा जाता था। लेकिन उद्घाटन से पहले इसका नाम महाकाल लोक रख दिया गया था। आइये आपको बताते हैं महाकाल लोक से जुड़ी बेहद ख़ास बातें।

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महाकाल लोक (Mahakal lok) की क्या है ख़ासियत

मध्य प्रदेश की धरती के उज्जैन शहर में बन रहे महाकाल लोक निर्माण दो चरणों में बन कर तैयार किया जाएगा। पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। 856 करोड़ की लागत से इसको तैयार किया जा रहा है। महाकाल लोक को दुनियाभर में आकर्षक का केंद्र बनाने की तैयारी है। सबसे ख़ास बात ये है कि महाकाल परिसर में जितनी भी बिजली ख़र्च होगी उसकी 90 प्रतिशत वहीं पर बनकर तैयार होगी।

महाकाल लोक के पूरे परिसर में 18 फीट की 8 प्रतिमाएं बनाकर तैयार की गई हैं। इनमें पंचमुखी हनुमान, चंद्रशेखर, नटराज, शिव, गणेश, कार्तिकेय, दत्तात्रेय अवतार, महादेव की कहानी, शिव और सती, समुद्र मंथन दृश्य शामिल है। इसके साथ ही एक नाइट गार्डन का निर्माण किया गया है। जो पूरी तरह से भगवान शिव की लीलाओं पर आधारित और इसमें 190 मूर्तियां लगाई गई हैं। साथ ही साथ 108 स्तंभ स्थापित किए गए हैं, जिन पर भगवान शिव और उनके गणों की विभिन्न मुद्राएं बनाई गई हैं।

महाकाल लोक में हुआ इन प्रतिमाओं का निर्माण

महाकाल लोक परिसर को प्रतिमाओं से सजाया गया है। परिसर में 15 फीट की 23 प्रतिमाएं बनाकर तैयार की गई हैं। इसके साथ ही 17 प्रतिमाएं 11 फीट की है तो 8 प्रतिमाओं का साइज़ 10 फीट रखा गया है।

हनुमान शिव अवतार, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, लकुलेश, पार्वती के साथ खेलते गणेश की प्रतिमाओं को पूरे परिसर में लगाया गया है। श्री गणेश, अर्द्धनारीश्वर, अष्ट भैरव, ऋषि भारद्वाज, वशिष्ठ, विश्वमित्र, गौतम, कश्यप, जमदग्नी शामिल हैं।  

वीरभद्र द्वारा दक्ष वध, शिव बारात, काल भैरव, शरभ अवतार, खंडोबा अवतार, शिव नृत्य, 11 रुद्र, महेश्वर अवतार, अघोर अवतार, मणि भद्र, गणेश और कार्तिकेय से साथ पार्वती, सूर्य और कपालमोचक शिव शामिल हैं।

महाकाल लोक में देश का पहला नाइट गार्डन

महाकाल लोक में देश का पहला नाईट गार्डन बनाया गया है। रात में इसकी भव्यता देखते बनती है। इस परिसर में लगभग दो लाख लोग एक साथ दर्शन कर सकेंगे। इसके प्रांगण को आधुनिक रूप से तैयार किया गया है। यहां धरती पर देवलोक जैसा आभास होगा। महाकाल लोक मंदिर देश के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। दुनियाभर में जल्द ही यह आकर्षण का केंद्र बनने वाला है। भक्तों में इसको लेकर ज़बरदस्त खुशी का माहौल है।

आपको बतादें कि इससे पहले मंदिर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था, जो नई परियोजना के बाद बढ़कर 20.33 हेक्टेयर हो गया है। इसकी भव्यता का आप अंदाज़ा यहीं से लगा सकते हैं कि मुख्य महाकाल लोक परिसर में वैदिक घड़ी भी लगाई जा रही है।

सबसे बढ़िया बात ये है कि महाकल लोक के पूरे परिसर में किसी गाइड की आवश्यकता नहीं होगी। मूर्तियां स्वयं इतिहास की जानकारी देंगी। इसके लिए आपको बारकोड को स्कैन करना होगा। फिर आपको अपने मोबाईल पर ही सारी जानकारी आराम से पढ़ने को मिल जाएगी।

महाकाल लोक का कायाकल्प कब और किसने किया

साल 2014 में भारत की सत्ता संभालते के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों और उनकी विरासत को सहेजने पर अधिक ज़ोर दिया है। इसी राह पर शिवराज सरकार में वर्ष 2016 में आयोजित सिंहस्थ के समय महाकाल परिसर के विस्तार की कल्पना रखी थी। साल 2017-18 में इसकी DPR बनकर तैयार हुई। फिर सरकार जाने के बाद काम की रफ्तार धीमी पड़ी।

लेकिन कांग्रेस की सरकार गिरा फिर सत्ता में लौटी मामा की सरकार ने 2020 में महाकाल लोक के काम की समीक्षा के बाद काम में तेज़ी आई। इसका नतीजा यह हुआ कि मात्र दो साल में ही भव्य महाकाल लोक बनकर तैयार हो गया। अब इसके लोकार्पण को प्रधानमंत्री मोदी पहुंच रहे हैं। 11 अक्टूबर को उज्जैन पहुंचकर महाकाल लोक के पहले चरण को खोल दिया दिया जाएगा।

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