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Loksabha Election 2024: Indore में भाजपा के पुराने खिलाड़ी के सामने कांग्रेस के नए नवेले अक्षय

इंदौर में 17 में से 9 बार भाजपा जीती है। इस बार भजपा ने इंदौर से शंकर लालवानी को रिपीट किया है तो वहीं कांग्रेस ने युवा अक्षय बम को चांस दिया है।

By Chandrapratap Tiwari
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Loksabha Election 2024: Indore में भाजपा के पुराने खिलाड़ी के सामने कांग्रेस के नए नवेले अक्षय

Loksabha Election 2024: मध्यप्रदेश का मिनी मुंबई कहा जाने वाला इंदौर भी एक बड़ी सीट है। इस सीट पर चुनाव चौथे चरण में 13 मई को होगा। इस सीट से प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे प्रकाश चंद्र सेठी जीत कर आते रहे हैं, वहीं भाजपा की विख्यात 'ताई' ने भी यहीं से जीत दर्ज की है। आइये जानते कैसा रहा है इंदौर लोकसभा का इतिहास और इस बार कौन है आमने-सामने?

लगातार 8 बार जीतीं सुमित्रा महाजन

अगर इंदौर में 1989 के चुनावों के पहले देखा जाए तो सर्वाधिक कांग्रेस ही जीती है। यहां से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी दो बार सांसद रहे हैं और केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा भी रहे हैं।

साल 1989 में भाजपा की सुमित्रा महाजन जो की 'ताई' नाम से विख्यात हैं, ने कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रकाश चंद्र सेठी को हराया, और इसके बाद लगातार 8 बार जीत कर कीर्तिमान रच दिया। सुमित्रा महाजन सोलहवीं लोकसभा की स्पीकर भी रह चुकी हैं।

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2019 के लोकसभा के चुनावों में भाजपा ने शंकर लालवानी को टिकट दिया था जिन्होंने कांग्रेस के पंकज सांघवी को 5 लाख से अधिक वोटों से हराया था। कुल मिलकर इस सीट में अब तक पलड़ा भाजपा का ही भरी रहा है।

क्या कहती है इंदौर की डेमोग्राफी

इंदौर में देपालपुर, राऊ, सांवेर, इंदौर-1, इंदौर-2, इंदौर-3, इंदौर-4, और इंदौर-5 को मिलाकर कुल 8 विधानसभा सीटें हैं, और इन सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

2011 के जनगणना के आंकड़ों की मानें तो यहां की कुल आबादी 34,76,667 है। इसमें से 82.21 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती है और बांकी की 17.79 फीसद जनता ग्रामीण है।

इंदौर में 17 फ़ीसदी SC और 4.8 फीसद ST वोटर्स हैं, वहीं मुस्लिम वोटर्स की लगभग 12 फीसदी की हिस्सेदारी है। इस बार के चुनाव की एक रोचक बात है कि इंदौर के 61,920 वोटर्स पहली बार इस चुनाव में मतदान करने वाले हैं। इस लोकसभा के लिए रजिस्टर्ड मतदाताओं में लगभग आधे मतदाता ऐसे हैं जिनकी उम्र 40 से कम है। इस बार के चुनाव में इन युवा वोटर्स का रुझान देखने लायक होगा।

कौन है आमने सामने

भाजपा ने अपने उम्मीदवार शंकर लालवानी को रिपीट किया है। शंकर लालवानी ने पिछला चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीता था। शंकर लालवानी सिंधी समुदाय से आते है। अगर इनके 2019 के हलफनामे की मानें तो इनकी कुल संपत्ति तकरीबन 5 करोड़ नब्बे लाख है। शंकर लालवानी ने मुंबई से इंजीनियरिंग की है, पेशे से मैकेनिकल इंजिनियर और कंसल्टेंट हैं।

शंकर लालवानी 1994 में इंदौर नगर निगम के पार्षद बने। 2013 में इन्हे इंदौर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष भी बनाया गया। इस बार शंकर लालवानी इंदौर से अपना दूसरा लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

शंकर लालवानी के सामने कांग्रेस ने एक दम नया चेहरा अक्षय बम को खड़ा किया है, जिन्होंने अभी तक किसी भी प्रकार का चुनाव नहीं लड़ा है। अक्षय जैन समुदाय से आते हैं और काफी पढ़े लिखे हैं। अक्षय ने बी कॉम ऑनर्स, एम् बी ऐ, और पीएचडी की है। अक्षय राऊ में अपना एक कॉलेज चलाते हैं। अक्षय इंदौर में एक केशरिया नाम की समाजसेवी संस्था का संचालन भी करते हैं।

कांग्रेस पार्टी ने भी मुद्दतों बाद इंदौर से किसी नए चेहरे को मौका दिया है। हालिया विधानसभा के चुनाव में अक्षय इंदौर से लड़ने को लेकर इच्छुक थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली। इंदौर जीतू पटवारी का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है, ऐसे में इस क्षेत्र से एक नए चेहरे को उतारना थोड़ा खास है। अक्षय को दिग्विजय सिंह का खास भी माना जाता है।

कौन से मुद्दे हैं इंदौर की जनता के लिए अहम

इंदौर को प्रदेश का मिनी मुंबई भी कहते हैं। आमतौर पर इंदौर में वे सभी सुविधाएं हैं जो एक बड़े शहर में होती हैं। इंदौर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है, इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम है। इंदौर पिछले सात सालों से स्वच्छता में पूरे देश में नंबर वन है। इंदौर को देश की पहली वाटर प्लस सिटी बनने का भी गौरव प्राप्त है। इन सब के बाद भी इंदौर की जनता के कुछ मसले हैं, जो अभी हल होने बाकी हैं। 

इंदौर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट तो है लेकिन यहां डायरेक्ट इंटरनेशनल फ्लाइट सिर्फ शारजाह के लिए ही है। जबकि ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (Travel Agents Federation of India) ने सरकार से आग्रह किया था कि कम से कम इंदौर से सिंगापुर और बैंकॉक के लिए डायरेक्ट फ्लाइट उपलब्ध कराई जाएं। इंदौर से डायरेक्ट अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट न होने से विशेषकर यहां के व्यापारियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा इंदौर के व्यपारी काफी समय से एयर कार्गो फ्रेट की मांग कर थी, जो की पिछले साल ही बनकर तैयार हो पाया है। 

इसके अतिरिक्त इंदौर में ट्रैफिक भी एक बड़ी समस्या है। अभी इंदौर-खंडवा रोड पर चल रहे निर्माण कार्य के चलते, लगभग रोज लम्बा जाम लगता है। इसके अलावा इंदौर मेट्रो के निर्माण के कारण भी इंदौर में कई रास्तों में डायवर्जन और जाम देखने को मिलते है।

इस समय भी मेट्रो निर्माण के चलते विजयनगर से बापट रूट बंद है। इंदौर के बड़े गणपति से कृष्णपुरा छतरी और राजमोहल्ला चौक से नंदलाल पूरा तक का मार्ग कर दिया है। इसके चलते शहर के आम नागरिकों और व्यापरियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इंदौर की जनता अब इनका समाधान चाहती है। 

इंदौर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इंदौर के लिए 11,427 करोड़ की 45 सड़क परियोजनाएं और देश का दूसरा सबसे बड़ा रिंगरोड बनाने की घोषणा की थी। इस रिंगरोड की कीमत किसानो को अपनी जमीन से चुकानी पड़ रही है। दरअसल किसानों का कहना है की उन्हें मुआवजा मार्केट रेट के मुताबिक नहीं दिया जा रहा है, उन्हें सरकार एक बीघे का मात्र 15 लाख दे रही है। दूसरी और इंदौर-बुधनी रेल लाइन के लिए भी जमीन अधिग्रहण का यही हाल है। 

इंदौर का देर रात तक जागने वाला इलाका है भंवर कुआं। यहां सर्वाधिक छात्र, खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवक रहते हैं। यहां प्रदेश के हर जिले से और आस पास के प्रदेशों से भी लड़के तैयारी करने आते हैं। पिछले कुछ साल उनके लिए बहुत कठिन बीते हैं। एक ओर MPPSC अदालतों के चक्कर काटती रह गई, बमुश्किल जो इम्तेहान हुए  नहीं आए। पटवारी का नतीजा आया तो उसपे भी कई आरोप लगे, और सरकार अब तक इन एस्पिरेंट को संतुष्ट नहीं कर पाई है। पटवारी भर्ती को लेकर फ़रवरी मार्च के महीने तक प्रदर्शन चला था और अब यह मामला अदालत में है।

इंदौर, विशेषतः भंवरकुंआ से साल 2024 के शुरूआती तीन महीनों में ही कई छात्रों की आत्महत्या करने की खबरें आईं। ये आंकड़ा प्रदेश और देश के स्तर पर और भी वीभत्स रूप ले लेता है। अब ये वक्त आने पर ही पता लगेगा की बेरोजगारी देश की मेनस्ट्रीम चर्चा का विषय बन पाता है या नहीं।

अक्षय लगातार इंदौर में इंफ्रास्ट्रक्टरल लूपहोल की बात कर रहें हैं। उनका कहना है की इंदौर मिनी मुंबई है, लेक्किन GST के कारण यहां के MSME के कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है। अब ये देखना होगा इस बार इंदौर की जनता किसे आजमाती है, कांग्रेस के नए खिलाड़ी को या मोदी की गारंटी को।

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