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Kapico Resort Demolition: केरल के मछुआरों ने लड़ी 14 साल जंग फिर मिला न्याय

अलपुझा जिले में वेम्बनाड झील के बीच नेदियाथुरुथु आईलैंड पर बने 200 करोड़ के 7 स्टार कपिको रिज़ॉर्ट (Kapico Resort) को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तोड़ा जा रहा है

By Pallav Jain
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Kapico resort kerala demolition

Kapico Resort Demolition: केरल में 56 मछुआरों ने अपने रोज़गार को बचाने के लिए 14 साल तक एक शक्तिशाली कॉर्पोरेट ग्रुप के साथ कानूनी लड़ाई लड़कर न्याय हासिल किया है। दरअसल केरल के अलपुझा जिले में वेम्बनाड झील के बीच नेदियाथुरुथु आईलैंड पर बने 200 करोड़ के 7 स्टार कपिको रिज़ॉर्ट (Kapico Resort) को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तोड़ा जा रहा है। यह रिज़ॉर्ट गोल्ड लोन देने वाली कंपनी मुथुट ग्रुप का है।

वर्ष 2007 में मुथुट फाईनैंस रिजॉर्ट (Kapico Resort) बनाने के लिए अलपुझा जिले में वेम्बनाड झील के बीच स्थित 11.5 एकड़ का एक सुंदर टापू खरीदती है। इस टापु के बैकवॉटर्स में मछुआरों को केरल सरकार ने पारंपरिक रुप से मछली पकड़ने का अधिकार दिया हुआ था। यहां उनके 13 जाल बिछे हुए थे। जब रिजॉर्ट का काम शुरु हुआ तो नाव से कंस्ट्रक्शन का सामान आता था, मछुआरों के जाल की वजह से सामान टापू तक लाना मुश्किल था। कंपनी प्रशासन पर दबाव बनाकर मछुआरों के जाल हटवा देती है। इससे 56 से ज्यादा मछुआरों से उनकी रोजी रोटी छिन जाती है। एके सैलान जो इन्हीं मछुआरे में से एक हैं, इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बनाते हैं।

Kapico kerala muthoot resort

एके सैलान के नेतृत्व में मछुआरे दावा करते हैं कि मुथुट ग्रुप ने स्थानीय नेताओं और अधिकारियों को पैसे खिलाकर एक ऐसा टापू खरीद लिया है जिसपर कभी किसी का मालिकाना हक था ही नहीं। यह डील गैरकानूनी है और यहां किया गया निर्माण कोस्टल मैनेजमेंट एक्ट के खिलाफ है।

वर्ष 2008 में मछुआरे कोर्ट में याचिका दायर करते हैं, जो खारिज हो जाती है। साल 2013 में मामला हाई कोर्ट पहुंचता है जहां कोर्ट कोस्टल मैनेजमेंट एक्ट के तहत किए गए गैरकानूनी निर्माण (Kapico Resort) को गिराने का आदेश देती है, कंपनी इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाती है लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिलती। इस कानूनी जंग में मछुआरों को केरल की फिशरमैन यूनियन (TUCI) और कुछ पर्यावरण कार्यकर्ताओँ का भी समर्थन मिला।

जनवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट (Kapico Resort) कपिको रिजॉर्ट को डिमॉलिश करने का आदेश बरकरार रखती है। कोविड की वजह से इसे गिराने का काम डिले हुआ है, अब अगले 6 महीने के अंदर इसे फेज़ मैनर में डिमॉलिश किया जाएगा। इसके डिमॉलिशन का खर्च भी मुथुट ग्रुप को उठाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश दिया है कि डिमॉलिशन के वक्त पर्यावरण को नुकसान न हो इसका ध्यान रखा जाए।

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Tags: kapico resort Kapico Muthoot resort Alapujha Island Resort Kerala AK sailan