बीकानेर से 180 किलोमीटर दूर भारत पाक सीमा के 250 मीटर दूर अवैध रुप से जिप्सम का खनन किया जा रहा है। जबकि सीमा के नज़दीक खनन पर पूरी तरह रोक लगी हुई है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सीमा से सटे राववाला पंचायत क्षेत्र में रोज़ाना 1.50 करोड़ का जिप्सम खोदा जा रहा है। और यह सब प्रशासन की नज़र में भी है लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस अवैध खनन से घुसपैठ की समस्या बढ़ सकती है क्योंकि खनन की वजह से सुरंग खोदना और आसान हो जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते 6 महीनों में 270 करोड़ का जिप्सम, खनन माफिया बेच चुके हैं। हर दिन नाके पर 100 से 150 ट्रकों की एंट्री हो रही है। अनुमान है कि हर दिन 7500 टन जिप्सम इन ट्रकों के भरकर ले जाया जा रहा है।
स्थिति इतनी गंभीर है कि रिहाईशी जगहों, स्कूल, हॉस्पिटल और बच्चों की पार्क की ज़मीन पर भी जेसीबी और एलएनटी चलाई जा रही है। करीब सौ बीघा जमीन पर अवैध खनन हो रहा है।
इस मामले में सभी एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पंचायत के लोग यह सब करवा रहे हैं तो वहीं पंचायत का कहना है कि खुद सरकार यह खनन करवा रही है।
आपको बता दें कि देश का 82 फीसदी जिप्सम राज्सथान में पाया जाता है। यहां पर कुल 1055 मिलियन टन जिप्सम भंडार मौजूद है। राजस्थान के बीकानेर, नागौर, बारमेर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, श्री गंगानगर जालौर में यह बहुतायत में पाया जाता है।
जिप्सम एक खनिज है जिसे सैलैनाईट भी कहते हैं। इसे 120 डिग्री पर गर्म करने पर प्लास्टर ऑफ पैरिस बनता है। प्लास्टर ऑफ पैरिस का उपयोग घरों के निर्माण, आर्टफैक्टस और मैडिकल पर्पस में होता है.
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