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Himachal EV Policy: सरकारी अफसर नहीं ख़रीद सकेंगे पेट्रोल-डीज़ल वाहन

Himachal EV Policy: पेट्रोल-डीज़ल से चलने वाले वाहनों को कम करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश की सरकार द्वारा एक सकारात्मक निर्णय लिया गया है.

By Shishir Agrawal
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Himchal Pradesh EV Policy

Himachal EV Policy: प्रदेश में अक्षयऊर्जा से संचालित वाहनों को बढ़ावा देने और पेट्रोल-डीज़ल से चलने वाले वाहनों को कम करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश की सरकार द्वारा एक सकारात्मक निर्णय लिया गया है. इस प्रदेश में सरकारी अफसर अपने काम के लिए अब पेट्रोल या डीज़ल से चलने वाली गाड़ियाँ नहीं ख़रीद सकेंगे. इस निर्णय के बाद प्रदेश के परिवहन विभाग से सम्बंधित सरकारी गाड़ियाँ इलेक्ट्रिक व्हीकल से बदली जाएंगी वहीँ बाकी विभाग इस परिवर्तन को अलग-अलग फ़ेस में करेंगे. 

Himachal EV Policy: प्रदेश में बनेंगे ई-चार्जिंग स्टेशन

अपनी बीती कैबिनेट मीटिंग में एक अन्य निर्णय लेते हुए सरकार ने प्रदेश में ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने की भी घोषणा की है. इसके लिए सरकार खुद तो प्रयास गीकरे ही साथ ही ऐसे प्राइवेट वेंडर्स जो ई-चार्जिंग (Himachal EV Policy) स्टेशन स्थापित करना चाहते हैं, उन्हे सरकार द्वारा 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी. मुख्यमंत्री के अनुसार वह हिमांचल को इलेक्ट्रोनिक व्हीकल के लिए मॉडल स्टेट बनाना चाहते हैं.

World’s highest altitude (3,800m) EV charging station in Kaza, Spiti Valley in Himachal Pradesh
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हिमाचल प्रदेश का क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी स्टेट बनने का लक्ष्य

हिमाचल प्रदेश ने 31 मार्च 2026 तक क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी स्टेट बनने का लक्ष्य बनाया है. इसी लक्ष्य के तहत सरकार ने उपरोक्त कदम उठाने का निर्णय लिया है. इसके अलावा सरकार सोलर प्लांट लगाने के लिए 3 बीघा ज़मीन देने वाले प्रदेश के किसी भी व्यक्ति को 20 हज़ार रूपए प्रति माह भी देगी. इसी प्रकार प्रदेश में (Himachal EV Policy) एक अन्य योजना के तहत सरकार ई-टैक्सी ख़रीदने के लिए युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी भी देगी.

Ola Scooters have set off on the first ever EV ride with the bravest hearts, the Indian Army! 15 Army and Ola riders will go across highest points of Himachal over 5 days!
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भारत सरकार के लक्ष्य

फिलहाल प्रदेश के सरकारी विभाग में ई-व्हीकल की संख्या 185 है. वहीँ प्राइवेट ई-व्हीकल की संख्या 2 हज़ार 733 है. वहीँ भारत ने साल 2030 तक देश में बिकने वाले कुल वाहनों में 30 प्रतिशत प्राइवेट कार, 70 प्रतिशत कॉमर्शियल व्हीकल, 40 प्रतिशत बस और 80 प्रतिशत दो और तीन पहिया वाहन शामिल करने का लक्ष्य बनाया है. ऐसा करके भारत इस दौरान तक 80 मिलियन ईवी अपनी सड़कों पर दौड़ाने का लक्ष्य हासिल करना चाहता है. ऐसे में हिमांचल प्रदेश का यह कदम इसमें मददगार साबित होगा.

Himachal EV Policy: सरकारी योजना

संसद में दिए एक बयान के अनुसार भारत में साल 2013 में 53 हज़ार 387 ईवी रजिस्टर्ड थे. अगस्त 2023 तक यह संख्या बढ़कर 28 लाख 30 हज़ार 565 हो गई. दरअसल साल 2013 में भारत सरकार द्वारा फेम 1 (FAME 1) स्कीम लॉन्च की गई थी. इस योजना के तहत सरकार भारत में ईवी और इसके पार्ट्स बनाने को प्रोत्साहित कर रही है. इसके पहले फेज़ में वाहनों को हाईब्रिड करने से लेकर प्योर इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी को अपनाने की बात कही गई थी. अभी इस योजना का दूसरा फेज़ चल रहा है. इसके तहत सरकार 10 हज़ार करोड़ रूपए केवल ईवी की डिमांड को जनरेट करने के लिए खर्च करेगी. इस प्रयास के तहत सरकार 7 हज़ार इलेक्ट्रिक बस, 5 लाख इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर, 55 हज़ार इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर और 10 लाख दो पहिया वाहनों की ख़रीद को समर्थन देगी.

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