Read in English: कांग्रेस से बगावत करने के बाद भाजपा में आए ग्वालियर (Gwalior) के माहाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया शहर में विकास की सौगात लेकर आ रहे हैं 15 सितंबर को 1128 करोड़ की 222 किलोमीटर लंबी सड़क परियोनजाओं का शिलान्यास किया जाएगा।
Gwalior के लिए 222 किलोमीटर लंबी सड़क परियोनजाएं
- स्वर्ण रेखा पर ट्रिपल आइटीएम कालेज से महारानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा तक (Elevated Road) एलिवेटेड फोर लेन रोड- 6.5 किलोमीटर
- पिछोर रोड (डबरा)-कटारे बाबा की समाधि-सरनागत बडेरा (डबरा) के बीच सड़क - 5 किलोमीटर
- चीनौर-करहिया एवं करहिया-भितरवार के बीच 33 किलोमीटर सड़क
- मिहोना बायपास, लहार बायपास, दबोह बायपास एवं भांडेर बायपास पर टू लेन 21 किलोमीटर सड़क
- कुरवाई-मुंगावली-चंदेरी खंड पर टू लेन 104 किलोमीटर सड़क
- मेघोनाबाड़ा (कोलारस शिवपुरी) से अमरोद (मुंगावली अशोकनगर) तक 51 किलोमीटर सड़क
इसके तहत जो परियोजना सबसे ज्यादा चर्चा में है वो है ग्वालियर की स्वर्ण रेखा नदी के ऊपर बनने वाला एलीवेट रोड। आईये जानते हैं कि यह परियोजना क्या है और ग्वालियर को इसकी कितनी ज़रुरत है?
क्या है ग्वालियर का स्वर्णरेखा एलीवेटेड रोड प्रोजेक्ट?
- 6.5 किलोमीटर के एलीवेटेड रोड का निर्माण (Swarn Rekha Elevated Road) शहर के बीच बहने वाली स्वर्ण रेखा नदी पर होगा। यह नदी करीब 13.4 किलोमीटर लंबी है।
- इस प्रोजेक्ट की लागत 406.35 करोड़ रुपये आंकी गई है।
- केंद्र सरकार के खर्च पर यह काम किया जाएगा।
- इसका उद्देश्य शहर की मुख्य सड़कों पर ट्राफिक कम करना है। अनुमान है इससे मुख्य सड़कों का 60 फीसदी ट्रैफिक कम होगा।
- मुख्य सड़कों से ट्रैफिक डायवर्ट करने के लिए 3 जंक्शन लूप और 3 प्वाईंट पर सिंगल लूप बनाए जाएंगे।
इसके ज़रिए वाहन चालक एलीवेटेड रोड पर दाखिल होंगे। - 6.5 किलोमीटर का यह एलीवेटेड रोड लक्ष्मीबाई समाधि स्थल से ट्रिपल आईटीएम तक चार लेन का होगा।
- इसके लिए स्वर्ण रेखा नदी पर 195 पिलर खड़े किए जाएंगे।
कैसे मिलेगा ग्वालियर की जनता को फायदा?
एलिवेटेड रोड (Elevated Road Gwalior) बनने से लश्कर से मुरैना-आगरा और भिंड रोड पर जाने वाले लोग लक्ष्मीबाई समाधि से फ्लाई ओवर पर जाएंगे व शर्मा फार्म रोड पर उतरकर हाइवे तक पहुंच जाएंगे।
मुरैना, आगरा या भिंड से आने वाले लोग भी एलिवेटेड रोड का उपयोग कर जाम से बच सकेंगे।
इससे पहले ग्वालियर में स्वर्ण रेखा नदी को लंदन की थेम्स नदी की तरह बनाने के लिए 200 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन इसकी हालत नाले की तरह बनी हुई है।
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