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कोरेक्स का सस्ता नशा रीवा के युवाओं को निगल रहा है

रीवा में नशा करने वाले कोरेक्स को 'माहौल' कह कर खरीदते व बेंचते है। इस नशे का दुश्प्रभाव सबसे अधिक गरीब लोगों पर पड़ रहा है।

By Ground Report
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corex addiction

तम्बाकू, गांजा, शराब इन सब से आगे बढ़ कर  रीवा  शहर ने एक अलग तरह की ही तलब लगा ली है, जो की कोडीन यानि की एक रसायन जो सूखी खांसी की सबसे प्रसिद्ध एवं प्रतिबंधित दवा कोरेक्स में पाया जाता है। 

यह दवा मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में प्रतिबंधित है एवं कई राज्यों पर इसके सबंध में अदालत में कार्रवाई चल रही है। पर इन सब के बाद भी लम्बे अर्से से यह प्रतिबंधित दवा रीवा में लाइ जाती रही है एवं रीवा के युवक लगातार इसका शिकार होते आ रहें है। 

रीवा में नशा करने वाले कोरेक्स को कह कर खरीदते व बेंचते है। इस नशे का दुश्प्रभाव सबसे अधिक उन क्षेत्रों पर पड़ रहा है जहां निम्न आय वर्ग के लोग मुख्यतः मजदूरी, ऑटो, रिक्शा चला कर अपना घर चलाने वाले लोग रहते हैं, जैसे की घोघर, ढेकहा, सिरमौर चौराहा, चोरहटा, समान नाका इत्यादि। 

यह ऐसा वर्ग है जो सामान्यतः कई समस्यायों से घिरा होता है, ऐसी स्थिति में घर में नशे का आदी सदस्य का होना उनकी मुसीबतें बढ़ा देता है, रीवा में कोरेक्स के कारण घरेलू हिंसा एवं अन्य अपराध के मामले आये दिन देखने को मिलते रहते हैं।    

क्या है कोरेक्स?

कोरेक्स एक सस्ता नशा है, इसकी एक शीशी लगभग 80 से 120 रुपये में आसानी से मिल जाती है। कोरेक्स के आदी रोगियों को व्यवहार में उग्रता, शारीरिक कमजोरी, भूख एवं शौच के सीमित हो जाने जैसी कई गंभीर शारीरिक समस्याएं आती है। आम तौर पर जो परिवार इसकी चपेट में हैं उनके लिए इसका इलाज करा पाना भी मुश्किल है। यह सस्ता नशा रीवा के ह्यूमन कैपिटल पर बहुत ही महंगा पड़ रहा है। 

रीवा इस नशे के शिकंजे में काफी लम्बे समय से है। पिछले 10 से 12 सालों से अमूमन अखबारों में इससे सम्बंधित खबर मिल जाती है। 2 माह पूर्व ही मनगवां से 11,520 शीशी कोरेक्स पुलिस ने बरामद की, व 7 आरोपियों को पकड़ा। पहले आमतौर पर यह तस्करी बस व सड़क परिवहन के माध्यम से होती थी, हाल में ही एक मामला देखा गया जिसमे की 7000 शीशी कोरेक्स कुरियर के जरिये मंगाई गई थी। 

उत्तरप्रदेश तक बिछा जाल

अब तक के मामलों को देखने से निष्कर्ष निकलता है की रीवा में कोरेक्स की अधिकतर खेप उत्तर प्रदेश से आती है। उदहारण के तौर पर रीवा परिवहन विभाग ने हनुमना से बड़ी मात्रा में कोरेक्स की बरामदगी की है। उपरोक्त उदहारण सिर्फ इस और संकेत करते हैं की इतना बड़ा और लम्बे समय से चला आ रहा संगठित अपराध बिना प्रशाशन की अनदेखी के संभव नहीं है। आये दिन गिरफ्तारियों, बरामदी एवं NDPS जैसे सख्त कानून के होते हुए भी यह अपराध थम नहीं रहा है व शहर में इसके शिकार लगातार बढ़ते जा रहे हैं। 

कोरेक्स के पीड़ितों के इलाज एवं पुनर्वास की भी सुलभ व्यवस्था अभी तक प्रशासन द्वारा नहीं की गई है। हालाँकि संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के लिए रीवा पुलिस विभाग ने एक हेल्पलाइन नंबर 9479997171 जारी किया है, जिसकी मदद से कई अपराधी पकड़े भी जा चुके हैं ।     

जबकि लम्बे समय से रीवा के जन प्रतिनिधि प्रदेश में ऊँचे पदों पर है, तब जनता द्वारा यह अपेक्षित है सरकार इसके रोकथाम के लिए उपयुक्त कदम उठाएगी।  इस समस्या से निपटान के लिए एक बेहतर एवं सर्व सुलभ पुनर्वास व्यवस्था के साथ-साथ इस अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार द्वारा एक विशेष अभियान चलाये जाने की आवश्यकता है । अब जब की रीवा के नेता प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बन गए है, तब रीवा की उम्मीद और बढ़ गई की जल्द ही इस कोरेक्स की समस्या का समाधान किया जाये ताकि रीवा का माहौल सही हो सके ।   

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