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क्यों जल रहा है फ्रांस?

इस घटना के बाद नानटेरे के लोकल रेसीडेंट्स ने पुलिस हेडक्वारटर के बाहर धरना दिया। कुछ ग्रुप्स ने बैरीकेड्स और गारबेज बिन्स में आग लगा दी।

By Ground report
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france riots

मंगलवार 27 जून को फ्रांस के नानटेरे में एक 17 वर्षीय डिलीवरी ड्राईवर की कार को पुलिस रुकने को कहती है, लेकिन वो नहीं रुकता। ऐसे में पुलिस गोली चलाती है और उसमें बैठे 17 वर्षीय नाएल एम की मौत पुलिस द्वारा फायर किये गए गनशॉट से हो जाती है, और पीले रंग की यह कार आगे जाकर एक पोस्ट से टकरा जाती है।

इस घटना के बाद नानटेरे के लोकल रेसीडेंट्स ने पुलिस हेडक्वारटर के बाहर धरना दिया। कुछ ग्रुप्स ने बैरीकेड्स और गारबेज बिन्स में आग लगा दी। बदले में पुलिस ने टियर गैस और डिस्पर्शन ग्रेनेड्स का इस्तेमाल किया।

लेकिन मंगलवार से अबतक यह हिंसा एक शहर से निकलकर फ्रांस के कई शहरों में फैल चुकी है। अबतक दो हज़ार गाड़ियां जलाई जा चुकी हैं, और 492 घरों को नुकसान पहुंचा है। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक पिछले एक दिन में ही आगजनी की 3800 घटनाएं फ्रांस में दर्ज हुई हैं। पुलिस ने अबतक 875 दंगाईयों को गिरफ्तार किया है।

सरकार ने इस दंगे को रोकने के लिए 40 हज़ार पुलिसकर्मी तैनात किये हैं और कई कस्बों में कर्फ्यू लगाया है।

इस घटना को फ्रांस पुलिस के अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत और डिस्क्रिमिनेटरी बिहेवियर का नतीजा बताया जा रहा है। यह घटना यूएस के मिनेसोट्टा में हुई जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस द्वारा हत्या और उसके बाद हुए विरोध प्रदर्शन से मिलती जुलती है।

मानवाधिकार एजेंसियों का कहना है कि यह गोलीकांड फ्रांस की कानून व्यवस्था संभालने वाली एजेंसियों में व्याप्त नस्लवाद को दर्शाता है।

आपको बता दें कि फ्रांस में पिछले वर्ष ट्रैफिक रुल ना फॉलो करने के बाद पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में 13 लोगों की मौत हुई थी। इस वर्ष यह तीसरी घटना है। इन मौत के आंकड़ों में लगातार वृद्धी हो रही है।

फ्रांस की सरकार ने कहा है कि वो पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जानी वाले वेपन के कानून पर पुनर्विचार करेगी। ट्रैफिक पुलिस को देश में बढ़ रहे एक्सट्रीमिस्ट अटैक्स के बाद साल 2017 में यह अधिकार दिया गया था। जिसमें अगर ड्राईवर पुलिस के ऑडर नहीं मानता तो वह शूट कर सकता है।

भारत में सोशल मीडिया पर यह बताया जा रहा है कि दंगा करने वाले मुसलमान हैं और वो जिस देश में भी रहते हैं वहां दंगा करते हैं। इस घटना का सहारा लेकर मुस्लिम विरोधी माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

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