CAT REVIEW IN HINDI | नेटफ्लिक्स पर एक नई सीरीज़ आई है, 'कैट' इसमें रणदीप सिंह हुड्डा मुख्य किरदार में है। बलविंदर सिंह जांजुआ ने इस सीरीज़ को लिखा है और निर्देशित किया है। सीरीज़ की खासियत यह है कि इसे बिंज वॉच किया जा सकता है। ऐसा बहुत कम होता है जब मैं कोई सीरीज़ एक ही दिन में देखूं, लेकिन कैट में वो खासियत है जो आपको एक के बाद एक एपिसोड देखने के लिए मजबूर कर देती है।
बात करते हैं सीरीज़ के प्लॉट की
कैट दो दौर के पंजाब की बात करती है, पहला 1980 के खालिस्तानी आंदोलन वाला दौर और दूसरा अभी का पंजाब जो नशे की वजह से बर्बाद हो रहा है। सीरीज़ में दो अलग अलग समय के पंजाब को जोड़ने का काम करते है, पुलिस ऑफिसर सेहताब सिंह और उनके अंडर कवर एजेंट (CAT) गुरनाम सिंह यानि रणदीप सिंह हुड्डा।
गुरनाम सिंह सेहताब के लिए खालिस्तानी आंदोलन के दौर में भी कैट (CAT) यानी अंडरकवर एजेंट बनकर काम कर चुका होता है। लेकिन कई सालों बाद जब उसका छोटा भाई नशे के लत में पड़ जाता है तो गुरनाम सेहताब सिंह की दोबारा मदद करता है पंजाब से नशा खत्म करने में।
रणदीप खालिस्तानी आतंकवाद और नए दौर में नशे के चंगुल में फंसे पंजाब से व्यक्तिगत तौर पर प्रभावित होते हैं, इसलिए वो पुलिस का साथ देने के लिए तैयार होते हैं।
नशे के कारोबार का लीडर बताया गया है लोकल एमएलए मैडम ऑलख को, सेहताब सिंह मैडम ऑलख को एक्सपोज़ करने के लिए गुरनाम को अंडरकवर एजेंट बनाकर भेजता है। और यहीं से शरु होता है सीरीज़ का रोमांच। गुरनाम कैसे अपना मिशन पूरा करता है यही सीरीज़ के 8 भाग में रचा गया है।
सीरीज़ में आपको भरपूर सस्पेंस मिलेगा, कहानी एकदम कसी हुई नज़र आएगी। हालांकि क्लाईमैक्स आपको निराश कर सकता है लेकिन शायद अगले सीज़न के लिए स्कोप छोड़ा गया है।
CAT REVIEW IN HINDI | क्या है खास?
कैट में रणदीप सिंह हुड्डा और सेहताब सिंह के रोल में सुविंदर विक्की की एकटिंग बेहतरीन है। रणदीप हुड्डा ने एक बार फिर साबित किया है कि वो दमदार एक्टर हैं और अपने दम पर कहानी को देखने लायक बना सकते हैं।
सीरीज़ में बाकि के किरदार पंजाब के रीजनल एकटर्स ही हैं। इसकी वजह से सीरीज़ ज्यादा ऑथेंटिक लगती है।
दो अलग अलग दौर के पंजाब के बीच की समानता को कैट में दिखाने का प्रयास किया है जिसके लिए निर्देशक बलविंदर सिंह जांजुआ तारीफ के हकदार हैं।
एक्शन सींस ज्यादा दमदार नहीं है लेकिन सस्पेंस और रोमांच भरपूर है। सीरीज़ में मैडम औलख का किरदार भी अपना असर छोड़ता है। पुरुषवादी समाज में मैडम औलख का संघर्ष भी देखने लायक है।
पंजाब में ड्रग्स के मुद्दे पर हम उड़ता पंजाब जैसी बेहतरीन फिल्में देख चुके हैं, यह सीरीज़ ड्रग्स एडिक्ट पर फोकस नहीं करती, इसका फोकस ड्रग्स बिज़नेस में सिस्टम की मौजूदगी पर ज्यादा है।
अगर आप सस्पेंस थ्रिलर देखने के शौकीन हैं तो कैट देख सकते हैं। सीरीज़ में कुछ अश्लील सींस और गालियां हैं, इसे परिवार के साथ देखना है या नहीं यह आपकी च्वाईस है।
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