Powered by

Home Hindi

Loksabha Election 2024: क्यों कटा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट

Loksabha Election 2024:साध्वी प्रज्ञा ने दिग्विजय सिंह को 3 लाख से अधिक वोटों से हराया था। भोपाल से आलोक शर्मा को टिकट मिला है जो विधानसभा चुनाव हार गए थे

By Chandrapratap Tiwari
New Update
Loksabha Election 2024: क्यों कटा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट

Loksabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी की, लोकसभा 2024 के उम्मीदवारों की सभी सूचियां आ चुकी हैं, लेकिन इनमें से किसी में साध्वी प्रज्ञा सिंह नाम नहीं है। साध्वी प्रज्ञा सिंह ने पिछले चुनावों में दिग्विजय सिंह को 3 लाख से अधिक वोटों से हराया था। इस बार उनकी जगह आलोक शर्मा को टिकट दिया गया है जो अपना विधानसभा का चुनाव हार गए थे। आइये एक एक करके देखते है साध्वी प्रज्ञा पर आरोप और उनके विवादित बयान, जिसकी वजह से माना जा रहा है की उनकी टिकट कटी है।

मालेगांव ब्लास्ट का आरोप

साध्वी प्रज्ञा सिंह पर 2008 में मालेगांव में हुए ब्लास्ट में शामिल होने का आरोप है, जिसमे 6 लोगों की जान गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। उन पर अभी भी मुकदमा चल रहा है। कई बार की के वारंट के बाद भी वो NIA के कोर्ट में पेश नहीं हुईं जिस पर कोर्ट ने उनपर फटकार भी लगाई थी।

"नाथूराम गोडसे देशभक्त है"

साध्वी प्रज्ञा ने लोकसभा में जब विशेष सुरक्षा समूह (संशोधन) विधेयक पर चर्चा चल रही थी, तब डीएमके के सांसद ऐ राजा ने नाथूराम गोडसे के बयान का जिक्र किया था। इस बात पर जवाब देते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ने बयान दिया था कि आप एक देशभक्त का इस तरह उदाहरण नहीं दे सकते। इसके बाद पार्टी की काफी किरकिरी भी हुई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर सफाई देते हुए कहा था,

"नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा जाना तो दूर अगर उन्हें देशभक्त माने भी जाने के बारे में कोई सोच रहा है तो इस सोच की हमारी पार्टी पूरी तरह निंदा करती है।"

भारतीय जनता पार्टी ने उन पर कार्रवाई भी की, प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा के विषयों पर बनी सलाहकार समिति से निकाल दिया गया। इसके अलावा 2019 के संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संसदीय दाल की बैठक के दौरान भी उन्हें भाग लेने से रोका गया था।

सबसे आखिर में जब एक टेलीविजन इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस विषय में पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा

"गांधी जी या गोडसे के संबंध में जो भी बातें कही गई हैं, वे भयंकर ख़राब हैं। हर प्रकार से घृणा के लायक हैं। सभ्य समाज में इस तरह की भाषा नहीं चलती है। इस प्रकार की सोच नहीं चल सकती है। इसलिए ऐसा करने वालों को 100 बार आगे सोचना पड़ेगा। दूसरा, उन्होंने माफ़ी मांग ली अलग बात है। लेकिन मैं अपने मन से माफ़ नहीं कर पाऊंगा। मन से कभी माफ़ नहीं कर पाऊंगा।"

स्पाइसजेट फ्लाइट प्रकरण

2019 में प्रज्ञा ठाकुर की दिल्ली से भोपाल की फ्लाइट पर थीं। उन्होंने फ्रंट रो की सीट के एक्स्ट्रा पैसे देकर बुक की थी। कुछ कारणों से विमान कर्मचारी उन्हें यह सीट नहीं उपलब्ध करा पाए और उनसे दूसरी रो में जाने के लिए अनुरोध किया। प्रज्ञा ठाकुर ने बहस शुरू की, फ्लाइट का माहौल ख़राब हुआ और यात्रियों ने जब इस पर आपत्ति जताई तो वो उनसे भी बहस करने लगीं। उनके कारण वो फ्लाइट 45 मिनट देर से चली।

शहीद हेमंत करकरे पर विवादित बयान

जब मालेगांव प्रकरण हुआ तब यह केस पूर्व आतंकवादी रोधी दस्ता (ATS) प्रमुख और 26/11 के आतंकी हमले में अपनी जान गंवाने वाले हेमंत करकरे देख रहे थे। 2019 के चुनाव से उन्होंने कई टीवी चैनलों को दिए बयानों में कहा था कि हेमंत करकरे की मृत्य उनके श्राप से हुई है। साध्वी ने कहा था,

"मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा और ठीक सवा महीने में, सूतक लगता है, जब किसी के यहां मृत्यु या जन्म होता है तो सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था और ठीक सवा महीने में जिस दिन उसे आतंकवादियों ने मारा उस सूतक का अंत हो गया।"

इस बयान पर आईपीएस एसोसिएशन ने अशोक चक्र शहीद हेमंत करकरे के ऊपर ऐसे बयान देने को लेकर विरोध भी किया था।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से जब पुछा गया की उनके गोडसे वाले बयान के कारण उन्हें टिकट नहीं दी गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी विवादित बयान नहीं दिया. जो कहा, सत्य कहा।

साध्वी प्रज्ञा का पूरा कार्यकाल ही विवादित रहा। वो कभी खुद की बिमारियों, लकवे आदि को गौमूत्र से ठीक करने का दावा करतीं, और अगले दिन व्हील चेयर पर या अस्पताल में इलाज लेते हुए दिखतीं। अभी जब उनके लिए वारंट भेजे जा रहे है, तब भी उन्होंने न पहुंचने का कारण अस्पताल में भर्ती होना ही बताया है।

उन्होंने तत्कालीन मुंबई कमिश्नर परमबीर सिंह पर भी रिकार्ड गंभीर आरोप लगाए थे। इन सब के कारण भारतीय जनता पार्टी भी असमंजस में पड़ जाती थी कि किन-किन बयानों से किनारा किया जाए।

साध्वी प्रज्ञा ने भी टिकट काटने के बाद ही, भाजपा के ही विधायक सुदेश राय पर अवैध शराब के ठेके का आरोप भी लगाया। अब इसे चाहे तो कोई नाराजगी कह सकता है, या चाहे तो एक्टिविज्म जोकि टिकट कटने के ठीक बाद शुरू हुआ।

शायद यही वो वजहें है जिस कारण साध्वी प्रज्ञा सिंह का टिकट कटा है। अब आखिरकार भाजपा ने एक पैराशूटर को एक ग्रासरूटर से रिप्लेस कर ही दिया है।

आइडेंटिटी क्राइसिस झेल रहे बालाघाट के चीनी नागरिक Wang Qi

Loksabha Election 2024: क्या भोपाल में भाजपा का विजय रथ रोक पाएगी कांग्रेस?

Loksabha Election 2024: अधूरे पड़े विकास कार्यों के बीच किसका होगा जबलपुर

Bhopal Elder Abuse: भोपाल में बूढ़ी महिला को पीटते हुए वीडियो हुआ वायरल

पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए आप ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुकट्विटरइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सएप पर फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी जटिल शब्दावली सरल भाषा में समझने के लिए पढ़िए हमारी क्लाईमेट ग्लॉसरी