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Kannod Khategaon: पलायन से शहरों पर बढ़ता दबाव, कटते जंगल

Kannod Khategaon Vidhansabha देवास जिले की सामान्य वर्ग की सीट है जबकि यहां 38 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति और जनजाति की है।

By Pallav Jain
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Ashish Sharma Interview Kannod Khategaon Vidhansabha BJP candidate

खातेगांव विधानसभा (Kannod Khategaon Vidhansabha) देवास जिले की सामान्य वर्ग की सीट है जबकि यहां 38 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति और जनजाति की है। चारों और वन क्षेत्र से घिरा नर्मदा नदी के किनारे बसा यह क्षेत्र रोज़गार, पलायन, जंगलों की कटाई और अवैध खनन की समस्या से जूझ रहा है। यहां से मौजूदा विधायक आशीष शर्मा को ही भाजपा ने इस बार भी उम्मीदवार बनाया है। वो तीसरी बार विधायक बनने के लिए मैदान में हैं तो कांग्रेस ने हाटपीप्लया के दीपक जोशी को उम्मीदवार बनाया है, वो मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे हैं। कैलाश जोशी वर्ष 1977 से 1978 के बीच 208 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे थे। दीपक जोशी का विरोध उनकी ही पार्टी के लोग कर रहे हैं क्योंकि दीपक जोशी हाटपीप्लया के नेता हैं और उन्हें कांग्रेस ने खातेगांव से टिकट दे दिया है। 5 साल तक क्षेत्र में काम कर रहे कांग्रेस के स्थानीय नेता इस फैसले से नाराज़ नज़र आ रहे हैं

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Protest Posters Against Khategaon Congress Candidate Deepak Joshi
खातेगांव में हर जगह कांग्रेस उम्मीदवार दीपक जोशी के विरोध में पोस्टर लगाए गए हैं, फोटो ग्राउंड रिपोर्ट

आंकड़ों में Kannod Khategaon Vidhansabha

खातेगांव-कन्नौद विधानसभा (Kannod Khategaon Vidhansabha) में कुल 207326 वोटर्स हैं। यहां अनुसूचित जाति के 14.3 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की कुल आबादी 24.4 फीसदी है। इसके बावजूद भाजपा और कांग्रेस ने ब्राह्मण जाति के उम्मीदवार को टिकट दिया है, इसकी वजह यह है कि यहां के चुनावों की दिशा सवर्ण वर्ग के वोटर्स ही तय करते आए हैं।

आशीष शर्मा को भाजपा ने तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है, क्षेत्र में पिछले 2 कार्यकाल के दौरान उनका जनाधार बढ़ा है। क्षेत्र में घूमने पर हमें आशीष शर्मा के बारे में लोगों से मिली जुली प्रतिक्रिया मिली है।

कन्नौद के निवासी जीतेंद्र एक किसान हैं और एक किराने की दुकान भी चलाते हैं, वो कहते हैं कि

Khategaon kannod map
देवास जिले में आने वाली खातेगांव कन्नोद विधानसभा का मानचित्र

"इस क्षेत्र में करीब 90 गांवों को नर्मदा का जल नहीं मिल रहा है। हम नर्मदा नदी के किनारे बसे हैं, यहां से नर्मदा जल दूसरे जिलों में भेजा जा रहा है और यहीं के किसानों को अभी तक पाईपलाईन के माध्यम से पानी नहीं मिला है। साथ ही पिछले 10 सालों में यहां दबंगाई बढ़ी है।"

जब हमने भाजपा के विधायक उम्मीदवार आशीष शर्मा से इस विषय पर बात की तो उन्होंने बताया कि वो इस बात से अवगत हैं और अपने अगले कार्यकाल में इन गांवों तक नर्मदा का जल पहुंचाना उनकी प्राथमिकताओं में से एक है।

व्यापार में मंदी

शहर में कुछ व्यापारियों से बात करने पर हमें पता चला कि पिछले कुछ वर्षों से मौसम के बेरुखी की वजह से किसान की फसल खराब हो रही है, जिससे मार्केट की भी हालत खराब है। किसान के पास पैसा नहीं है इसलिए आसपास के गांवों के ग्राहकों पर निर्भर यहां का बाज़ार भी मंदी का सामना कर रहा है। शैलू जो यहां बर्तन की दुकान चलाते हैं कहते हैं कि "किसान के पास पैसा होगा तब ही तो वो खर्च करेगा। तभी हमारी दुकानें चलेंगी।"

Road Construction Kannod Khategaon
कन्नौद से खातेगांव के लिए 4 लेन सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है, नियमति तौर पर पानी न डाले जाने की वजह से लोगों को धूल का सामना करना पड़ता है, फोटो ग्राउंड रिपोर्ट

कन्नौद से 29 किलोमीटर दूर बावड़ीखेड़ा गांव के रहने वाले दीपक 2 वर्ष पहले ही कन्नौद में शिफ्ट हुए हैं। उनका कहना है कि

"खेती में अब इतना लाभ नहीं रहा है, इसलिए मैंने यहां दुकान खोली है ताकि थोड़ी आमदनी हो सके। अब खेती के काम से यहीं से अपडाउन कर लेता हूं। गांवों में बच्चों को पढ़ाने की भी अच्छी व्यवस्था नहीं है। अब हमारे गांव से ज्यादातर लोग शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। अगर गांव में ही सब सुविधा होती तो हम यहां क्यों आते।"

आशीष शर्मा कहते हैं कि उन्होंने अपने पिछले दो कार्यकाल में (Kannod Khategaon Vidhansabha) विकास के कई कार्य करवाएं हैं, इसमें सड़कों का निर्माण, स्वास्थ्य सुविधाओं में बेहतरी और किसानों को समय पर खाद बीज उपलब्ध करवाना अहम है। वो नया खातेगांव बनाने के लिए भी संकल्पित हैं जहां सभी मूलभूत ज़रुरतें लोगों को मिल सके।

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खातेगांव में वनों की कटाई कर आदिवासियों को खेती के लिए पट्टे दिए जा रहे हैं जिससे वन क्षेत्र घट रहा है, फोटो ग्राउंड रिपोर्ट

ग्रामीण क्षेत्र से पलायन, बढ़ रहा शहर पर दबाव

खातेगांव कन्नौद विधानसभा की 86.7 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। गांवों में सड़कें तो पहुंची है लेकिन छोटे मोटे इलाज और अच्छी शिक्षा के लिए लोगों को शहरों का ही रुख करना पड़ता है। इस क्षेत्र में कन्नौद और खातेगांव पर लगातार ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायन की वजह से आबादी का दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में आने वाले समय में यहां बहुत ज्यादा विकास के कार्य करने होंगे। आबादी के विस्तार की वजह से यहां के प्राकृतिक स्त्रोत जैसे जंगलों और नदियों पर दबाव बढ़ रहा है।

जंगलो की अवैध कटाई इस क्षेत्र में समस्या बनती जा रही है। ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2001 से 2022 में देवास जिले में 16 हैक्टेयर जंगल नष्ट हुए हैं। यह कुल जंगल का 2.3 फीसदी है।

आशीष शर्मा इन सभी समस्याओं पर सहमती जताते हुए ग्राउंड रिपोर्ट को बताते हैं कि हम इस ओर ध्यान दे रहे हैं और सभी वर्ग के लोगों के विकास के लिए काम कर रहे हैं।

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