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Bhaukhedi: सड़क के लिए 180 से ज्यादा घरों पर चला दिया बुल्डोज़र

इछावर तहसील के भाऊखेड़ी (Bhaukhedi Village) गांव में प्रवेश करते ही आपको हर तरफ टूटे हुए घरों का मलबा दिखाई देता है।

By Pallav Jain
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BHAUKHEDI HOUSE DEMOLITION DRIVE

भोपाल शहर से 52 किलोमीटर दूर इछावर तहसील के भाऊखेड़ी (Bhaukhedi Village) गांव में प्रवेश करते ही आपको हर तरफ टूटे हुए घरों का मलबा दिखाई देता है।

इछावर को सीधे इंदौर भोपाल हाईवे से जोड़ने के लिए गांव के बीचों-बीच से 52 फीट का रोड बनाया जा रहा है। इस रोड की वजह से करीब 180 घरों को अवैध अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया है। प्रशासन ने बरसों से यहां रह रहे लोगों को मुआवज़ा देने से भी इंकार कर दिया है। जिन लोगों के घर तोड़े गए हैं वो हर तरफ इंसाफ की मांग के लिए दौड़ रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

underconstruction road of Bhaukhedi Ichawar to amlah
भाउखेड़ी की निर्माणाधीन सड़क
भाऊखेड़ी से ग्राउंड रिपोर्ट

सड़क पर आए बुज़ुर्ग

70 वर्षीय देवकरण अपनी पत्नी के साथ 2 कमरे के मकान में रहते थे, उनके बच्चे उनके साथ नहीं रहते। कुछ ही समय पहले उन्होंने सरकारी मदद से शौचालय बनवाया था। गांव में जब बुल्डोज़र आया तो घर के साथ-साथ शौचालय भी तोड़ दिया गया। देवकरण कहते हैं कि "हमारे पास अब एक ही कमरा बचा है, उसमें सामान रख दिया है, उठने बैठने की भी जगह नहीं बची। हमने एसडीएम से पूछा की हम कहां रहेंगे तो जवाब मिला कि वो सब हम नहीं जानते, हमें तो 52 फीट रोड बनाना है। आपका घर अवैध जगह पर है इसलिए तोड़ा जाएगा।"

देवकरण को मुआवज़े की आस थी, लेकिन वो नम आंखो से कहते हैं कि "एसडीएम साहब ने कहा है कि मुआवज़ा नहीं मिलेगा।"

bhaukhedi demolished houses
bhaukhedi demolished houses

फिरोज़ा बी अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ भाउखेड़ी (Bhaukhedi Village) में रहती हैं, उनके पति बीमार रहते हैं, उन्होंने ग्राउंड रिपोर्ट को बताया कि "हम बरसों से यहां टैक्स भर रहे हैं, और सभी तरह के बिलों का भुगतान कर रहे हैं, अचानक से हमारा घर अवैध करार दे दिया गया। हम अब अपने बच्चों को लेकर कहां जाएं।"

प्रशासन ने सभी के घरों पर लाल निशान लगा दिया है, जहां तक घरों को तोड़ा जाना है। बुल्डोज़र की चोट से कहीं बाकी घर क्षतिग्रस्त न हो जाए इसके लिए लोग खुद ही मज़दूर लगाकर अपना घर तुड़वा रहे हैं। एक घर को तोड़ने में 30-50 हज़ार तक खर्च आ रहा है जिसे गांव वाले खुद ही वहन कर रहे हैं।

पीएम आवास भी तोड़ दिए गए

गांव (Bhaukhedi Village) के निवासी सुनील वर्मा बताते हैं कि "मैने पिछले ही वर्ष पीएम आवास के तहत मिले पैसों से अपने घर का निर्माण करवाया था। जब प्रशासन हमारा घर तोड़ने आया तो हमने उनको पीएम आवास के कागज़ भी दिखाए और पूछा भी कि अगर जगह अवैध थी तो इसपर पीएम आवास कैसे बना? इसपर एसडीएम साहब ने कहा कि यह गांव के सचिव की गलती है, हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।"

bhaukhedi demolished houses
घरों में लगाए गए लाल निशान जहां तक घर तोड़ा जाना है
bhaukhedi homeless shifted to aanganwadi kendra
आंगनवाड़ी के एक कमरे में रह रहा है सुरेश जैन का परिवार

ऐसे ही सुरेश जैन जो गांव (Bhaukhedi Village) में राम मंदिर के सामने रहते हैं उनका पूरा घर तोड़ दिया गया, सुरेश बताते हैं कि "मंदिर को बचाने के लिए रोड को उनके घर की तरफ शिफ्ट किया गया, जिसमें उनका पूरा घर चला गया। वो अपने परिवार के साथ आंगनवाड़ी में एक कमरे में रह रहे हैं। वहां पर शौचालय तक की सुविधा नहीं है। हमने कुछ साल पहले ही पीएम आवास के तहत मिली कुटी के पैसों से ही अपना घर बनाया था।"

सुरेश जैन की पत्नी कहती हैं कि उन्हें घर के बदले घर चाहिए, जब तक मुआवज़ा नहीं मिलेगा वो सड़क का काम आगे नहीं बढ़ने देंगी।

गांव के सभी लोग आक्रोशित हैं और मुआवज़े की मांग कर रहे हैं, उनका कहना है कि वो पीड़ियों से इस जगह पर रह रहे हैं, अचानक उनका अपना ही घर कैसे अवैध हो गया, समझ से बाहर है।

BHAUKHEDI VILLAGE HOUSE DEMOLITION
अपना सामान शिफ्ट करते हुए लोग
BHAUKHEDI VILLAGE HOUSE DEMOLITION
अपना टूटा घर दिखाती एक महिला

सड़क गांव (Bhaukhedi Village) के बाहर से ले जाते तो कम क्षति होती

ग्रामीण कहते हैं कि " सड़क को गांव के बाहर से ले जाने का विकल्प मौजूद था, इसके बाद भी सड़क गांव के अंदर से निकाली गई।"

भाऊंखेड़ी के लोग फिल्हाल एक दूसरे की ही मदद कर रहे हैं, गांव के सरपंच से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। साथ क्षेत्र से विधायक करण सिंह वर्मा ने भी यहां की जनता से मुंह मोड़ लिया है।

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