मध्यप्रदेश में शनिवार 18 मार्च से बारिश और ओलावृष्टी (Hailstorm in MP) का दौर शुरु हुआ जो सेमवार 20 मार्च तक जारी रहा। लोगों ने वीकेंड पर चाय और पकोड़ों का मज़ा लिया तो किसानों के लिए यह बारिश मुसीबत बनकर आई है। मार्च के महीने में रबी की फसल की कटाई का काम होता है, वो किसान जिन्होंने अपनी फसल काटकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दी थी, उन्हें नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन जिन किसानों की फसल अभी खेत में ही है या काटने के बाद भीग गई है, उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिन जगहों पर बारिश के साथ ओले गिरे हैं (Hailstorm in MP) वहां फसलें 90 फीसदी तक खराब हुई हैं।
आईये पहले जानते हैं कि मध्यप्रदेश के किन जिलों में बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है।
मध्यप्रदेश के इन जिलों में फसलों को नुकसान
महाकोशल-विंध्य और बुंदेलखंड के कई जिलों में रविवार को भारी ओलावृष्टि हुई। कटनी, डिंडौरी, शहडोल, सीधी, पन्ना, दमोह व उमरिया में ओलावृष्टि से फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है।

- कटनी- 10 मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरे।
- डिंडौरी- बजाग जनपद, करंजिया के ग्रामीण अंचल में ओलावृष्टि, गोरखपुर कस्बा, ग्राम गिरवरपुर के पास ओले गिरने से सफेद चादर सी बिछ गई।
- खरगोन-आंधी, बारिश और ओलों ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया।
- बड़वानी- रविवार दोपहर पहाड़ी क्षेत्र में आंधी चली।
- मंदसौर- नगरीकचनारा, लसूड़िया, सीतामऊ तहसील के दीपाखेड़ा, ऐरा ,धाकड़ पिपलिया और कयामपुर में फसलें नष्ट
- बुरहानपुर-सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बर्बाद हुई।
- खंडवा- 800 एकड़ में तरबूज और 200 एकड़ में प्याज की फसल नष्ट होने का अनुमान, मूंदी कस्बे में ओलावृष्टि हुई
- दतिया- 10-12 गांवों में नुकसान
- ग्वालियर– 8-10 गांव
- अशोक नगर -5-7 गांव
- खरगोन-झिरनिया और भगवानपुरा तहसील में नुकसान
- शहडोल- पंडारिया में प्लम के साईज़ के ओले
- पन्ना- ग्राम सिलधारा, लौहराई, पहाड़ीखेरा, ब्राजपुर क्षेत्र में गेंहू की फसल को नुकसान
- निवाड़ी- पृथ्वीपुर तहसील के चंदपुरा गांव में नुकसान
- भोपाल में किसानों ने बताया कि गेहूं की फसलें 80 से 90% तक खराब हो गई है.
- बालाघाट– तेज गरज और तूफान के साथ हुई जमकर बारिश, गेहूं, चना और सरसों की फसलें खराब होने की आशंका, खुले में रखी धान की बोरियां भीगी.
- रायसेन- बारिश के चलते फसलों को नुकसान हुआ है
- नर्मदापुरम में फसलों को आंशिक नुकसान
- हरदा-बारिश के चलते टिमरनी रहटगांव क्षेत्र में किसानों की गेहूं एवं चने की फसल में नुकसान
- सीहोर- बारिश की वजह से किसानों की फसल की चमक कम हुई
- आष्टा- जिन किसानों की फसल अभी खेत में उन्हें नुकसान
- विदिशा में भी फसलों को ओलावृष्टी से नुकसान
किसानों की तीन तरीके से नुकसान हुआ है
वो किसान जिनकी फसल खेत में है- जिन किसानों की फसल खेत में पककर तैयार थी, उनकी फसल को हवा आंधी और बेमौसम बारिश (Hailstorm in MP) ने ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। फसलें खेतों में बिछ चुकी हैं, ओले की वजह से फसल का दाना खराब हुआ है और अब नमी की वजह से हार्वेस्टर का चलना भी मुश्किल है।
जिन्होंने फसल काट ली थी लेकिन खेत में ही रह गई- ऐसे किसानों की गेंहूं और चने में नमी के कारण चमक चली जाएगी और मंडी में दाम कम मिलेगा। आगर फसल ज्यादा भीगी है तो 100 फीसदी नुकसान हो जाएगा।
मंडी में दाम कम- कुछ गांवों के किसान बता रहे हैं कि गर्मी की वजह से इस बार जो उनका गेंहूं निकला है, उसमें चमक कम है जिसकी वजह से मंडी में दाम कम मिल रहा है।
सीहोर जिले के किसानों का कहना है कि मंडी में भाव कम मिल रहा है, इसबार उन्हें उम्मीद थी की 2500 से तीन हज़ार भाव होगा लेकिन 1500-1800 तक ही गेंहूं बिक रहा है।
इसके पीछे जो अहम वजह बताई जा रही है, वो यह है कि एस बार सरकार ने फूड कॉर्पोरेशन का गेंहूं मार्केट में उतार दिया था जिसके चलते प्राईवेट कंपनियों ने सरकारी गेंहू खरीद लिया, मध्यप्रदेश सरकार ने एमएसपी की घोषणा देर से की जबकि फसल मार्च के शुरुवात से ही मंडी में पहुंचने लगी थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जल्द सर्वे करवाकर किसानों को मुआवज़े का ऐलान किया है।
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