Earthquakes in India: बीते दिनों राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पांच राज्यों में आए भूकंप (Earthquakes in India) के झटकों ने सबको हिला कर रख दिया। हालांकि भूंकप का केंद्र (एपिसेंटर) नेपाल के मणिपुर में होने कारण भारत में जान-माल की हानि नहीं हुई। लेकिन नेपाल में कई लोगों को भूकंप के कारण मकान गिरने से अपनी जान गंवानी पड़ी। भूकंप की तीव्रता 6.6 बताई गई। वैज्ञानिक इसको अब एक चेतावनी बता रहे हैं। उनका कहना है कि हमको भयानक भूकंप का सामना करने के लिय तैयारी शुरू कर देना चाहिए। इसके हिमालय के क्षेत्र (Earthquakes in India) में आने की संभवाना बनी हुई है।
कभी भी आ सकता है भयानक भूकंप
नेपाल में आए 6.6 तीव्रता भूकंप के झटके उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में महसूस किए गए। वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान में वरिष्ठ भू-भौतिक विज्ञानी डा अजय पॉल ने बताया कि इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट की टक्कर से हिमालय अस्तित्व में आया है और यूरेशियन प्लेट के लगातार इंडियन प्लेट पर दवाब डालने के कारण इसके नीचे इकट्ठा हो रही विकृति उर्जा समय-समय पर भूकंप (Earthquakes in India) के रूप में बाहर आती रहती है।
उन्होंने कहा, 'हिमालय के नीचे विकृति उर्जा के इकटठा होते रहने के कारण भूकंप का आना एक सामान्य और निंरतर प्रक्रिया है। पूरा हिमालय क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से बहुत संवेदनशील है और यहां एक बड़ा बहुत बड़ा भूकंप आने की प्रबल संभावना हमेशा बनी हुई है। विकृति उर्जा के बाहर निकलने या भूकंप आने का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। यह कोई नहीं जानता कि कब ऐसा होगा। यह अगले क्षण भी हो सकता है, एक महीने बाद भी हो सकता है या सौ साल बाद भी हो सकता है।'
हिमालय क्षेत्र में बड़ा भूकंप आने की संभावना
जानकारी के मुताबिक, हिमालय क्षेत्र भूकंप वाला एरिया माना गया है। हिमालय क्षेत्र में पिछले 150 सालों में चार बड़े भूकंप आए हैं। 1897 में शिलांग, 1905 में कांगड़ा, 1934 में बिहार-नेपाल और 1950 में असम का भूकंप शामिल है। 1991 में उत्तरकाशी और 1999 में चमोली भूकंप। फिर 2015 में नेपाल में आया भूकंप।
डा अजय पॉल का कहना है कि भूकंप से घबराने के बजाय हम लोगों को इससे निपटने के लिए तैयारियां मज़बूत रखनी होंगी। अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमको जान-माल का अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा। इस लिय ज़रूरी है कि भूकंप-रोधी बनाया जाएं। भूकंप से बचने के लिय लोगों को जागरूक किया जाए और एक बार मॉक ड्रिल कराई जाए। ऐसा करके हम बड़े नुकसान से बच सकते हैं।
जनवरी से अब तक 948 बार भूकंप आए
भारत में इस साल जनवरी से अब तक 948 बार भूकंप आए हैं। जिसमें से अधिकतर कम तीव्रता वाले रहे। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक इस साल उनके पास मौजूद 152 स्टेशनों से 1090 बार बार भूकंप आने की जानकारी मिली। लेकिन सिर्फ 948 बार ऐसे भूकंप रिकॉर्ड हुए जो भारत और उसके आसपास के एशियाई देशों में पैदा हुए।
NCS के मुताबिक, जनवरी से सितंबर तक यानी 9 महीने में 948 भूकंप आए। यानी हर महीने करीब 105 से अधिक भूकंप के झटके आए। लेकिन आमतौर पर चार तीव्रता के नीचे के भूकंपों का पता नहीं चलता। जिन भूकंपों की कंपकंपी महसूस होती है वो चार से ऊपर के होते हैं।
भारत में कब-कब आए विनाशकारी भूकंप
भारत के इतिहास में कई भूकंप ऐसे रहे हैं जिनपर बात करते वक़्त भी लोग डर जाया करते हैं। भारत को भी भूकंप के कारण बड़े पैमाने पर जान-माल का नुक़सान उठाना पड़ा।
- 1991 उत्तरकाशी भूकंप-20 अक्टूबर, 1991 यह भूकंप आया। इसे रेक्टर स्केल पर 1 तीव्रता पर मापा गया था। इस भूकंप ने उत्तरकाशी, चमोली और तेहरिलोक ज़िलों में भयानक मचाई थी, 1 ज़्यादा से अधिक लोग मारे गए थे।
- 1934 बिहार और नेपाल भूकंप-साल 1934 में बिहार-नेपाल में तीव्रता 4 का भयानक भूकंप आया था। इस भूकंप के कारण बिहार में कई जगह तबाही मची थी। इसमें 30,000 से ज़्यादा लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।
- 1993 महाराष्ट्र भूकंप-30 सितंबर, 1993 को महाराष्ट्र में भूकंप आया। इस भूकंप के कारण 20,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। यह भूकंप 4 की तीव्रता के साथ लातूर जिले के किलारी गांव में आया था।
- 2001 गुजरात भूकंप-यह भूकंप साल 2001 में गुजरात में आया था। इसके कारण लगभग 13,805 लोग मारे गए थे और 167,000 लोग घायल हुए थे। इसे भुज भूकंप के नाम से भी जाना जाता है। यह भूकंप भारत के 51वें गणतंत्र दिवस के दिन सुबह 08:46 बजे आया था। यह 7 रेक्टर स्केल पर आया था।
- 2004 हिन्द महासागर भूकंप-यह 26 दिसंबर 2004 की सुबह आया था। यह भूकंप करीबन 23,000 परमाणु बम के बराबर शक्तिशाली था। यह इतना भयानक था कि इस भूकंप के कारण 5 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी।
- 2015 भारत - नेपाल भूकंप-साल 2015 में दोबारा भारत और नेपाल ने भूकंप आया। इस भूकंप का सेंटर नेपाल था। इसमें भारत का नुकसान तो नहीं हुआ था मगर नेपाल को बड़ा जान-माल का नुकसान हुआ था।
- 1950 असम भूकंप-साल 1950 में आया असम-तिब्बत भूकंप भी कभी भुलाया नहीं जा सकता है।15 अगस्त 1950 को आया था और इसकी तीव्रता 6 थी। इसमें लगभग 4,800 लोग मारे गए थे। यह हिमालय और हेंगडुआन पर्वत के बीच बीहड़ पहाड़ी क्षेत्रों से आया था।
- 9 नवंबर 2022 नेपाल-भारत भूकंप-नेपाल में 8 नवंबर 2022 की देर भूकंप आया। ये भूकंप 6.3 तीव्रता का था। इसके झटके भारत के 5 राज्यों में महसूस किए ग। नेपाल में इस भूकंप के कारण 6 लोगों की मौत हो गई।
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