Vadodara Harni Lake Boat Accident: बीते दिनों वड़ोदरा में स्थित हरनी मोटनाथ झील (Harni Lake Accident) में एक बड़ा जानलेवा हादसा हो गया। न्यू सनराइज स्कूल (New Sun Rise School, Vadodara) के 27 बच्चे और 4 शिक्षक पिकनिक मानाने हरनी झील गये। यहां अचानक नाव पलट (Vadodara Boat Accident) गई। इस हादसे में 14 बच्चे और 2 शिक्षकों की मौत हो गई। एक बच्चा गंभीर रूप से घायल है जिसका इलाज SCG अस्पताल में जारी है, और अब तक 10 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। झील का प्रबंधन एक निजी कंपनी (Harni Lake Management Company) के पास था।
प्रधानमंत्री और मुख्यमत्री ने जताया शोक
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendara Modi) सहित कई बड़े राजनेताओं ने इस घटना पर शोक जताया। प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने PM नेशनल रिलीफ फंड से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के परिवार को 4 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
कॉन्ट्रेक्टर मेसर्स कोटिआ प्रोजेक्ट्स के खिलाफ केस दर्ज
वहीं इस मामले में वड़ोदरा की DCP लीला पाटिल ने बताया कि, पोस्ट मार्टम की प्रक्रिया जारी है। एक केस रजिस्टर कर दिया गया है। वड़ोदरा के MLA शैलेश मेहता ने नाव के ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। हरनी पुलिस ने झील में नाव का प्रबंधन करने वाली कंपनी मेसर्स कोटिआ प्रोजेक्ट के खिलाफ एक केस फाइल किया है और उसके कर्मचारियों को आरोपी बनाते हुए बताया कि नाव की क्षमता से अधिक सवारियों को नाव में बिठाया गया। झील में जाने दिया, और बच्चों और शिक्षकों को लाइफ जैकेट्स और सुरक्षा निर्देश भी नहीं दिए गए थे।
लगातार लापरवाहियां और जाती जानें
हालांकि, गुजरात में यह पहली दुर्घटना नहीं है, सितम्बर 2023 में गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में भोगवो नदी पर बना पुराना रिवर ब्रिज टूट गया। इस घटना में 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रशासन की ब्रिज से भारी वाहनों की मनाही के बाद भी एक 40 टन वजनी डम्फर ब्रिज से गुजरा और यह हादसा हो गया।
मोरबी ब्रिज दुर्घटना : अनदेखी से हुई सैकड़ों मौतें
वहीं अक्टूबर 2022 में मोरबी के मुछू नदी पर बना एक हैंगिंग ब्रिज टूट गया था, जबकि उसमे 400 लोग थे इनमे से 130 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस ब्रिटिश कालीन ब्रिज की स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी की इसमें 400 लोगों को जाने की अनुमति दी जाये, इसका भी प्रबंधन एक निजी कंपनी के द्वारा किया जाता था।
1 साल में गई 152 मजदूरों की जानें
पिछले वर्ष कांग्रेस के विधायक शैलेश परमार के एक प्रश्न के उत्तर में सरकार ने जवाब दिया था की 2021 से 2022 के बीच में 152 औद्योगिक श्रमिकों की जान गई है। यह जानें सुरक्षा में लापरवाही, आग एवं ब्लास्ट जैसी घटनाओ के कारण गई है। इन घटनाओं में 65 मजदूर सूरत एवं 77 मजदूर भरुच को फैक्ट्रियों से थे।
सूरत में जहरीली गैस के कारण 6 मजदूरों की मौत
जनवरी 2022 में ही सूरत में जहरीली गैस की घटना से 25 जानें प्रभावित हुई थी। इस घटना में 6 मजदूरों की मौत हो गई थी। विश्व प्रेम प्रिंटिंग मिल ने एक टैंकर से यह जहरीला कैमिकल नाले में बहाया जिसके बाद इतना बड़ा हादसा हुआ।
कब तक और मानव जनित आपदाएं खेलेंगी गुजरात की जान से
ये कुछ उदाहरण हैं, जो बताते हैं कि लापरवाही के चलते बेकसूर और आम लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। चाहे वह हरनी झील का मालमा हो या फिर मोरबी ब्रिज का मैनेजमेंट। प्रशासन का सुस्त रवैया और घटनाओं का बार-बार होना यह बताता है कि जिम्मेदार व्यक्तियों और संस्थाओं पर समय से कठोर एक्शन नहीं लिए गये और ऐसी घटनाओं से सबक नहीं लिए गये तो भविष्य में इस तरह के हादसे होते रहेंगे।
Bhopal BRTS Explained: शिवराज की 360 करोड़ की योजना पर CM मोहन का ‘बुलडोजर’!
पहचान और बाज़ार के लिए तरसती झाबुआ की गुड़िया कला
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे : विकास के इस रास्ते से आदिवासियों को क्या मिला?
जलवायु परिवर्तन से महिलाएं ज्यादा प्रभावित लेकिन नीति निर्माण में उनकी आवाज़ कहां है?
Follow Ground Report for Climate Change and Under-Reported issues in India. Connect with us on Facebook, Twitter, Koo App, Instagram, Whatsapp and YouTube. Write us on [email protected]