Powered by

Advertisment
Home हिंदी

क्या सूख जाएगा भोपाल का बड़ा तालाब?

हिंदी | भोपाल को झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। 900 साल पुराना मानव निर्मित तालाब, जिसमें प्राकृतिक रूप से नम भूमि है। इतने सालों से इसका ईको सिस्टम बरकरार है।

By Ground Report Desk
New Update
Bhopal Lake Fishing

Copyright Ground Report

भोपाल का बड़ा तालाब : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। बड़ी झील के नाम से मशहूर बड़े तालाब को साल 2002 में रामसर साइट घोषित किया गया था। देश भर की कुल 25 राम साइट में मध्य भारत की बड़ी झील एक मात्र राम साइट है।

Advertisment

क्या है रामसर साइट ?

जैव विविधता को बचाने के लिए कई देशों के विशेषज्ञों का ईरान के शहर रामसर में साल 1971 में एक सम्मेलन हुआ था। इसमें नम भूमि को बचाने के लिए कई कदम उठाने पर सहमति बनी थी। इसके तहत ऐसे नदी, समुद्र या तालाब के किनारे, जहां विदेशी पक्षी और जैव विविधता ज्यादा होती है, उसे रामसर साइट घोषित किया जाता है। इसमें कैचमेंट एरिया को बचाने के लिए प्रावधान किए हैं।

भोपाल का बड़ा तालाब क्यों है खास (रामसर साइट्स के तहत)

900 साल पुराना मानव निर्मित तालाब, जिसमें प्राकृतिक रूप से नम भूमि है। इतने सालों से इसका ईको सिस्टम बरकरार है। बड़े तालाब और इसके कैचमेंट एरिया में करीब 20 हजार से ज्यादा पक्षी आते हैं। इसमें करीब 100 से 120 सारस पक्षी भी आते हैं। जैव विविधता के तहत यहां करीब एक हजार प्रजाति के फ्लोरा और फौना कीट और छोटे पौधे पाए जाते हैं।

अवैध निर्माण को लेकर नोटिस

बड़े तालाब के कैचमेंट क्षेत्र में स्थित खानूगांव में नगर निगम ने 14 अवैध निर्माण को हटाने का नोटिस दिया है। लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक कोलार, कटारा जैसे ग्रामीण इलाकों में पंचायतों के पास अमले की कमी के चलते वे नियंत्रण नहीं कर पाते हैं।

भोपाल से सीहोर तक फैला है यह तालाब

देखा जाए तो बड़ा तालाब भोपाल और सीहोर से सटे इलाके तक फैला हुआ है। इसका 30 फीसदी हिस्सा भोपाल जबकि 70 फीसदी हिस्सा सीहोर में आता है। हांलाकि इसका बेहतर स्वरूप हमें बोट क्लब और वीआईपी रोड से देखने को मिलता है। एक बात गौर करने वाली है भले ही इसका अधिकतम भू-भाग सीहोर जिले में हो लेकिन बैरागढ़, कोहफिजा, ईदगाह हिल्स में इस तालाब का पानी लबालब भरा होता है।

मई माह में तालाब का वाटर लेवल (फीट में)

2015- 1657.10

2016- 1658.90

2017- 1659.10

2018- 1652.55

मार्च 2019 - 1655.55

डेड स्टोरेज लेवल - 1652

23 मिलियन गैलन डेली पानी की खपत

निगम बड़े तालाब से बीएचईएल, ईएमई सेंटर, रेलवे के लिए 23 मिलियन गैलन डेली (एमजीडी) पानी खप रहा है। इस बार मानसून अंत में यानी 1 अक्टूबर को तालाब का लेवल 1661.50 फीट था। तबसे अब तक जल स्तर 8.95 फीट कम हुआ। विशेषज्ञ कहते हैं कि मई के अंत में पानी भी तेजी से भाप बनकर उड़ेगा।

Keep Reading

Indian agriculture household earns just Rs. 10,218 in a month: Govt

Post-harvest losses still high, reveals data shared in Lok Sabha

Khadi Haat village's power-free waste water treatment solution and more

What's so special about EkLavya Foundation's eco-friendly building?

Support us to keep independent environmental journalism alive in India.

Follow Ground Report on X, Instagram and Facebook for environmental and underreported stories from the margins. Give us feedback on our email id [email protected]

Don't forget to Subscribe to our weekly newsletter, Join our community on WhatsApp, Follow our Youtube Channel for video stories.