आयुष्मान कार्ड होते हुए भी ज़्यादातर निजी अस्पताल मजदूर तबका का इलाज नहीं करते हैं. जानकारी के अभाव में वह प्राइवेट अस्पताल के एजेंट के फेर में फंस जाते हैं.
आज हमारे पास ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के बहुत सारे प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं, चाहे वह गूगल के माध्यम से हो या क्लासरूम अथवा जूम आदि से. ऐसे सॉफ्टवेयर के प्रयोग से सीखने के उद्देश्यों को आसानी से प्राप्त किया जा रहा है.
21वीं सदी के दौर को डिजिटल युग कहा जाता है तो गलत नहीं है. इसने न केवल सामाजिक रूढ़िवादी परंपराओं को चुनौती दी है बल्कि डिजिटल शिक्षा के माध्यम से विकास के कई नए रास्ते भी खोले हैं.
किसी भी देश के विकास में पुरुष और महिलाओं का समान योगदान होता है. लेकिन ऐसा तभी मुमकिन हो सकता है जब वह देश अपने सभी नागरिकों को समान रूप से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सके.