केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने महारत्न कंपनी एनटीपीसी पर झारखंड में इल्लीगल कोल माईनिंग करने के जुर्म में 3 हज़ार करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह भारत के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब भारत सरकार ने किसी सरकारी कंपनी पर इतना बड़ा फाईन लगाया हो।
पर्यावरण मंत्रालय की एडवायज़री कमीटी ने बरकागांव निवासी मंटू सोनी की शिकायत पर यह एक्शन लिया है। मंटू सोनी ने मंत्रालय को बातााय कि किस तरह एनटीपीसी की अवैध माईनिंग की वजह से उनके क्षेत्र की लाईफलाईन मानी जाने वाली दुमुहानी नदी बर्बाद हो रही है। एडवाईज़री कमीटी और झारखंड फॉरेस्ट मिनिस्ट्री द्वारा जांच में पाया गया कि एनटीपीसी द्वारा फॉरेस्ट कंज़रवेशन एक्ट 1980 का उल्लंघन किया जा रहा था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अगर इल्लीगल माईनिंग के आरोप सही पाए जाते हैं तो जमीन की नेट प्रेज़ेंट वैल्यू से 5 गुना कीमत, 12 फीसदी ब्याज के साथ आरोपी को चुकानी होगी।
इसी वजह से एनटीपीसी पर 3 हज़ार करोड़ का जुर्माना लगा है।
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