न्यूज़ डेस्क | नई दिल्ली
मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से भारी बारिश के चलते बने बाढ़ के हालातों से जन-जीवन अस्त व्यस्त है। चारों ओर लबालब पानी ही पानी है। आलम ये है कि कई डेमों के गेट खोलने के बाद भी स्थिति कंट्रोल में नहीं है। वहीं सेंट्रल वाटर कमिशन के एक ट्वीट ने राज्य के लोगों की चिंता और बढ़ा दी है।
सेंट्रल वाटर कमिशन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर बताया कि, बांध सुरक्षा अधिकारी चीफ इंजीनियर भरत गोसावी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के गांधी सागर बांध पर खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे कहा कि, इलाके में हुई भारी वर्षा की वजह से बांध का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर है। मौजूदा अवस्था में बांध से 5 लाख क्यूसेक जल निकासी हो रही है जबकि 16 लाख क्यूसेक से ज़्यादा पानी बांध में प्रवेश कर रहा है। सभी आपदा प्रबंधन संस्थाओं को सूचित कर दिया गया है।
इसके अलावा राणा प्रताप सागर और जवाहर सागर बांध जो निचले इलाके में है उन पर भी खतरा है। अगर कोई भी अप्रिय घटना हुई तो मध्यप्रदेश में बड़ी तबाही हो सकती है। अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है। हांलाकि डिजास्टर मैनेजमेंट सहित अन्य एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है।
बता दें कि, गांधी सागर बांध चम्बल नदी पर बने 4 सबसे बड़े बांधों में से एक है। यह बांध मध्यप्रदेश के नीमच और मंदसौर जिले में स्थित है। इसकी ऊंचाई 204 फ़ीट है और 7.322 बिलियन क्यूबिक मीटर जल संचय करने की क्षमता है।