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पर्यटकों को जंगल सफारी कराने वाली जिप्सी की बढ़ी लाइफ, अब दौड़ेंगी 15 साल तक

मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व में सैलानियों को जंगल की सैर कराने वाली जिप्सियों की एक्सपायरी डेट में पांच साल का इज़ाफा कर दिया गया हैं।

By Ground report
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jungle safari

मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व में सैलानियों को जंगल की सैर कराने वाली (Jungle Safari) जिप्सियों की एक्सपायरी डेट में पांच साल का इज़ाफा कर दिया गया हैं। अब वाहन चालक प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बेरोक-टोक 15 साल तक अपनी जिप्सी का संचालन करते रहेंगे। प्रदेश के जिप्सी संचालकों द्वारा करीब तीन साल पहले कोरोना काल से ही जिप्सी संचालन की एक्सपायरी डेट में बढ़ोतरी की मांग हो रही थी। प्रदेशभर के जिप्सी संगठनों का कहना था कि जब मप्र मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार एक वाहन को 15 साल तक संचालन की परमिशन है तो वन महकमे ने टाइगर रिजर्व में जिप्सी की समय-सीमा 10 साल क्यों की हुई हैं। तीन साल के लंबे मंथन के बाद वन विभाग ने अब यह निर्णय लिया है। 

वहीं प्रदेश वन विभाग के मुख्य प्रधान वन संरक्षक वाइल्ड लाइफ असीम श्रीवास्तव के आदेश पर प्रदेश के (Jungle Safari) जिप्सी संचालाकों को यह पांच साल की राहत मिली है। अब वे जंगल के अंदर 10 नहीं 15 सालों तक जिप्सी दौड़ा सकेंगे। आदेश में कहा गया हैं कि प्रदेशभर के सभी टाइगर रिजर्वों में पर्यटकों को सैर कराने वाली जिप्सियों की समय-सीमा बढ़ा दी गई हैं, लेकिन इस आदेश में जिप्सी संचालकों के सामने शर्त रखी गई है कि टाइगर रिजर्व के अंतर्गत संचालित रजिस्टर्ड पर्यटक जिप्सी की कंडीशन अच्छी होनी चाहिए, साथ जिप्सी का बीमा, पंजीकरण और फिटनेस सहित सभी दस्तावेज वैलिड होने चाहिए। 

jungle safari price hike

इधर, प्रदेश के सभी नेशनल पार्क में एक अक्टूबर से पर्यटकों के प्रवेश शुल्क में 5 प्रतिषत की बढ़ोतरी की गई हैं। यह इजाफा 120 से 150 रूपये तक हो सकता है।

प्रदेश के टाइगर रिज़र्व में दौड़ रही 1300 से ज्यादा जिप्सी

मप्र के टाइगर रिजर्वों में अभी करीब 1300 से ज्यादा जिप्सियों (Jungle Safari) का संचालन किया जा रहा है, जोकि टाइगर रिजर्व में आने वाले लोगों को जंगल की सैर कराती है। इस आदेश का फायदा उन सभी जिप्सी संचालकों को होगा, जिनका रोज़गार पर्यटन पर निर्भर है। 

पांच साल बाद प्रवेश शुल्क में इज़ाफा

मप्र वन विभाग ने प्रदेश के सभी नेशनल पार्क में प्रवेश शुल्क मे 5 फीसदी की बढ़ोतरी की हैं और यह बढ़ोतरी एक अक्टूबर से लागू होगी। वहीं सूत्रों ने बताया कि होटल संचालकों के दबाव में पिछले पांच सालों से विभाग द्वारा प्रवेश शुल्क बढ़ाया नहीं जा रहा था, जबकि देशभर के सभी टाइगर सफारी की दरों में बढ़ोतरी की जा चुकी हैं। वहीं वन विभाग के अफसरों का कहना हैं कि राज्य शासन ने उदारता दिखाते हुए प्रवेश शुल्क में मामूली वृद्धि की है और स्थानीय होटल संचालकों का कहना है कि पांच प्रतिशत वृद्धि अधिक नहीं है।

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