मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रणाम करते हुए इस मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों, इंजीनियर्स और इसरो की पूरी टीम को बधाई दी है। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने संदेश में कहा है कि हमने चाँद को छू लिया। यह पल इतिहास के पन्नों में अमर हो गया है।
उन्होंने कहा कि भारत की इस सफलता के लिए पूरा देश गर्व से भरा हुआ है। आज का दिन आजादी का अमृत काल है। आज भारत की दुनिया में श्रेष्ठता का दिन भी है। भारत की यह अद्भूत सफलता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वैज्ञानिकों और इसरो की टीम के प्रयत्नों, परिश्रम और समर्पण से भारत को यह अभूतपूर्व प्रतिष्ठा मिली है। प्रधानमंत्री मोदी के स्पेस मिशन के संकल्प ने भारत को यह दिन दिखाया है। करोड़ों भारतवासियों ने चन्द्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग को देखा है। मैंने भी दमोह में एक लाख लाड़ली बहनों और साथियों के साथ इस लैंडिंग को देखा। सभा में उपस्थित सभी नागरिक आनंद, उल्लास और प्रसन्नता से झूम गए।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 23 अगस्त को इतिहास रचा
चंद्रयान-3 चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरा, जहाँ इससे पहले दुनिया के किसी भी देश को उपग्रह उतारने मैं सफलता नहीं मिली है।
14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाला चंद्रयान-3 अपनी 40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा।
चंद्रयान के लैंडर का नाम विक्रम है जो कि विक्रम साराभाई के नाम पर है।
चंद्रयान के लैंडर विक्रम से रोवर उतरेगा जिसका नाम प्रज्ञान है, प्रज्ञान एक डिवाइस है जो लैंडर से बाहर आकार चाँद पर घूमेगा और शोध कार्यों की जानकारी फोटो इसरो को भेजेगा।
चंद्रयान-3 में क्या क्या है
इसरो के बताए गए विवरण के मुताबिक, चंद्रयान-3 के लिए मुख्य रूप से तीन उद्देश्य निर्धारित हैं।
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराना।
चंद्रमा की सतह कही जाने वाली रेजोलिथ पर लैंडर को उतारना और घुमाना।
लैंडर और रोवर्स से चंद्रमा की सतह पर शोध कराना।
चाँद पर जीवन, पानी की संभावनाओं को तलाशना और अन्य शोध करना।
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