जब सिस्टम कानून का हाथ छोड़ तानाशाही पर उतरता है तो केवल ज्यादतियां ही करता है। होना तो यह था कि पुलिस खरगोन में रामनवमी जुलूस पर पत्थर चलाने वालों के खिलाफ एफआईआर करती और कोर्ट के ज़रिए उन्हें सज़ा देती। लेकिन सज़ा देने का जिम्मा खुद सरकार ने उठा लिया और चला दिये दंगा करने वालों के घर पर बुल्डोज़र। अब इसमें पहले खबर आई पीएम आवास योजना के तहत बने घर को तोड़ने की। अब खबर आ रही है, एक ऐसे व्यक्ति की दुकान तोड़ने की जिसके हाथ ही नहीं है। Wasim Sheikh नाम का यह व्यक्ति कभी पेंटर होता था लेकिन 2005 में करंट लगने की वजह से इसने अपने दोनों हाथ गंवा दिए। छोटी सी दुकान चलाकर परिवार का पेट पालता था। प्रशासन ने इसे पत्थरबाज़ बता दिया और इसकी दुकान पर बुल्डोज़र चला दिया।
यह है मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था, पहले तो मान लिया गया कि मुजरिम केवल एक धर्म से हैं, फिर उनके घरों पर न्याय को बायपास कर बुल्डोज़र चला दिया। Wasim Sheikh ने इंडिया टूडे को बताया कि उन्होंने मेंरी दुकान गिरा दी। मैं उसमें टॉफी बिस्कुट बेचकर अपना घर चलाता था। मेरा पांच सदस्य का परिवार है, दो छोटे बच्चे हैं।
Wasim Sheikh कभी पेंटर हुआ करता था। 2005 में करंट लगने की वजह से उसके दोनों हाथ काटने पड़े। मध्यप्रदेश के खरगोन प्रशासन ने बिना हाथ वाले इस शख्स पर पत्थर चलाने का आरोप लगा दिया और उसकी दुकान को ज़मीदोज़ कर दिया। मामला सामने आने के बाद शिवराज सरकार पर विपक्ष के नेताओं के साथ लोग बरस रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ये कैसा न्याय कर रही है। बुलडोजर चलाने से पहले सच तो जान लेते।
कांग्रेस नेता बी श्रीनिवास ने वसीम का फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करके शिवराज सिंह चौहान से पूछा कि क्या वाकई उसने पत्थर फेंके थे। उनका कहना था कि सरकार ने जिस तरह से आंखें बंद करके बुलडोजर चलाया वो वसीम की हालत से जाहिर हो रहा है। वो कैसे परिवार का पेट पाल पाएगा। इमरान प्रतापगढ़ी ने पूछा कि जिस शख्स के पास हाथ ही नहीं है उस पर भी इल्ज़ाम है पथराव का। खरगौन में नंगा नाच हो रहा है।
कांग्रेस नेता बी श्रीनिवास ने वसीम का फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करके शिवराज सिंह चौहान से पूछा कि क्या वाकई उसने पत्थर फेंके थे। उनका कहना था कि सरकार ने जिस तरह से आंखें बंद करके बुलडोजर चलाया वो वसीम की हालत से जाहिर हो रहा है। वो कैसे परिवार का पेट पाल पाएगा। इमरान प्रतापगढ़ी ने पूछा कि जिस शख्स के पास हाथ ही नहीं है उस पर भी इल्ज़ाम है पथराव का। खरगौन में नंगा नाच हो रहा है।
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया कि Wasim Sheikh का केयोस्क इल्लीगल नहीं था, यह गलती से गिराया गया है।
खरगोन में रामनवमी के दिन हुई हिंसा में 20 लोग घायल हुए थे। इस मामले में अबतक 44 केस रजिस्टर हुए हैं। 148 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
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