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भारत के इतिहास में पहली बार कोई मुस्लिम MP नहीं, क्या कोई बड़ी साज़िश?

Gournd report: No Muslim MP भारत के इतिहास के पहली बार कोई मुस्लिम MP नहीं, क्या कोई बड़ी साज़िश? आइये जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें।

By Ground report
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भारत के इतिहास में पहली बार कोई मुस्लिम MP नहीं, क्या कोई बड़ी साज़िश?

No Muslim MP : “सबका साथ सबका विकास” का नारा देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कही जाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब क्या मुस्लिम लीडरशीप से मुक्त होना चाहती है। वर्तमान हालातों के देखकर लोग ऐसा सवाले पूछते नज़र आ रहे हैं। बीजेपी पर मुस्लिम विरोधी पार्टी होने का ठप्पा पहले से ही लगा हुआ है। हिंदुत्व की राजनीति से सत्ता की शिखर में बनी भाजपा ने अपने आप को संसद में पूरी तरह 'मुस्लिम मुक्त' बना लिया है।

No Muslim MP

राज्यसभा में मौजूद अपने तीन मुस्लिम सांसदों में भाजपा ने किसी को भी दोबारा मौका नहीं दिया। एकमात्र मुस्लिम चेहरा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 7 जुलाई 2022 को पद से इस्तीफा दे दिया। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि शायद बीजेपी उनको उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है। लेकिन पार्टी ने पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार घोषित किया।

देश में राजनीतिक के शिखर पर बैठी बीजेपी के उभरने के बादय़ देश की संसद और विधानसभा में मुसलमानों की नुमाइंदगी में लगातार गिरावट आई है। रिकॉर्ड बताते हैं कि सिर्फ संसद ही नहीं बल्कि बीजेपी ने तमाम राज्यों की विधानसभाओं में खुद को 'मुस्लिम मुक्त' कर रखा है। बीजेपी का यह कदम संसद में मुसलमानों की राजनीतिक ताकत को पूरी तरह खत्म करने वाला माना जा रहा है।

बीजेपी का क्या कहना है इसपर

सबका साथ सबका विकास जैसा नारा देने वाली पार्टी के पास 400 सांसदों और 1300 से ज्यादा विधायकों में एक भी मुसलमान चेहरा नहीं है। वर्तमान में बीजेपी के बहुमत वाली देश की संसद और विधानसभाओं में मुसलमानों की ताकत पूरी तरह शून्य हो चुकी है। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर बीजेपी को संसद में पूरी तरह 'मुस्लिम मुक्त' करके 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा देने वाले पीएम मोदी आख़िर क्या संदेश देना चाहते हैं?

बीजेपी नेता दावा करते रहे हैं कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में हिस्सेदारी देने के मामले में धर्म के आधार पर मुसलमानों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं बरता जाता। मोदी समेत बीजेपी के कई बड़े नेता कई मौके पर कह चुके हैं कि मुसलमानों को लोकसभा और विधानसभा का टिकट इसलिए नहीं देती कि उनके जीतने की संभावनाएं बहुत कम होती हैं। अब क्या बीजेपी यह साबित करना चाहती है कि मुसलमान विधानसभा और लोकसभा में भेजे जाने लायक नहीं हैं।

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