इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच छिड़ी जंग के बीच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें वो यह कहते दिख रहे हैं कि इज़रायल को एक दिन फिलिस्तीन की ज़मीन खाली करनी होगी।
इस वीडियो में अटल बिहारी वाजपेयी कहते हैं कि
"यह कहा जा रहा है कि जनता पार्टी की सरकार बन गई तो वो इज़रायल का साथ देगी अरबों का नहीं देगी। मोरारजी देसाई इस बात को स्पष्ट कर चुके हैं। गलत फहमी को दूर करने के लिए मैं कहना चाहता हूं कि हम हरेक प्रश्न को गुण और अवगुण के आधार पर देखेंगे। लेकिन मध्यपूर्व के बारे में एक बात साफ है कि जो अरबों की ज़मीन पर इज़रायल कब्ज़ा करके बैठा है वो उसे खाली करनी होगी। आक्रमणकारी आक्रमण के फलों का उपभोग करे यह हमें स्वीकार नहीं है। जो नियम हम पर लागू है वो औरों पर भी होगा। अरबों की ज़मीन खाली होनी चाहिए। जो फिलिस्तीनी है उनके उचित अधिकारों की प्रस्थापना होना चाहिए। इज़रायल के अस्तित्व को यूएस और सोवित यूनियन स्वीकार कर चुका है हम भी स्वीकार करते हैं। मध्यपूर्व का ऐसा हल निकालना होगा जिसमें आक्रमण का परिमार्जन हो और स्थाई शांती का आधार बने।"
Watch Atal Bihari Vajpayee's Speech on Israel and Palestine Issue
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने यह बात दिल्ली में एक रैली के दौरान बतौर विदेश मंत्री 1977 में कही थी।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने का एक कारण यह भी है कि इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच छिड़े युद्ध के बीच भाजपा से जुड़े लोग इज़रायल का समर्थन करते दिख रहे हैं।
आपको बता दें कि वर्षों से भारत इज़रायल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर नॉन अलायनमेंट की नीति पर चला है और दोनों गुटों से बातचीत से हल निकालने का पक्ष रखता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इज़रायल पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और इज़रायल को मदद का भरोसा दिया है।
Keep reading
- Jammu and Kashmir facing worst impact of climate change
- Climate Change impacts: Kashmir’s agri and horti sectors at risk
- Climate change leaves Kashmir villages without water
- Climate Change: Impact of Untimely Snowfall on Nomads of Kashmir
- Why are Sheep dying in Kashmir?
Follow Ground Report for Climate Change and Under-Reported issues in India. Connect with us on Facebook, Twitter, Koo App, Instagram, Whatsapp and YouTube. Write us on [email protected]