Ground Report | News Desk
भारत ने आज अपना चहेता अभिनेता खो दिया, शायद ही कोई होगा जो इरफान खान (Irfan Khan) की अदाकारी का फैन न रहा हो। अपने डायलॉग डिलीवरी और बेजोड़ अदाकारी के लिए पहचाने जाने वाले अभिनेता इरफान खान, बहुत ही कम उम्र में दुनिया को अलविदा कह गये। 54 साल की उम्र में इरफान खान का मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें कोलन इंफेक्शन की वजह से भर्ती कराया गया था। वो लंबे समय से कैंसर से भी पीड़ित थे। कैंसर जैसी बीमारी को हराने के बाद इरफान खान ने हाल ही में इंग्लिश मीडियम फिल्म में काम किया था। इस फिल्म को दर्शकों ने खूब सराहा था। बॉलीवुड में कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद जब इरफान की वापसी हुई तो ऐसा लगा था जैसे अब सब कुछ ठीक हो गया। इरफान खान के अचानक हुए निधन से पूरा बॉलीवुड जगत स्तब्ध है।
इरफान खान की मौत की खबर ट्विटर पर फिल्म निर्माता शूजीत सरकार ने शेयर की। उन्होंने लिखा, 'मेरे प्रिय मित्र इरफान, आप लड़े, लड़े और लड़े। मुझे आप पर हमेशा गर्व रहेगा.. हम फिर से मिलेंगे। शांति और ओम शांति। इरफान खान को सलाम।
हाल ही में इरफान की मां का निधन हुआ था। अभिनेता की मां सईदा बेगम ने शनिवार को जयपुर में अंतिम सांस ली। हालांकि, देशव्यापी लॉकडाउन के बीच इरफान मां के अंतिम संस्कार में नहीं जा पाए। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही अपनी ओर से प्रार्थना की थी।
इरफान खान का सफर
इरफान खान का जन्म राजस्थान के जयपुर में 7 जनवरी 1967 को एक पश्तो बोलने वाले मुस्लिम परिवार में हुआ था। इरफान खान की मां बेगम खान राजस्थान के टोंक में हाकिम परिवार से थी और पिता राजस्थान के खजुरीया गांव के एक जागिरदार थे। उनके पिता का टायर का व्यापार था।छोटे से परिवार से आने वाले इरफान खान अपनी ज़मीन पहचानते थे। यह उनकी अदाकारी में भी साफ दिखाई देता था। बेहद ही सहज और आम आदमी सा दिखने वाला यह अभिनेता हर किसी का अपना सा था। इरफान खान को क्रिकेट खेलने का भी शौक था, 20 वर्ष की उम्र में उन्हें सीके नायडू टूर्नामेंट खेलने का मौका मिला था लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वो हिस्सा नहीं ले पाए। इसके बाद उन्होंने एक्टिंग पर ध्यान देना शुरु किया। 1984 में उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ एक्टिंग के लिए स्कॉलरशिप मिली। अपनी अलहदा एक्टिंग के लिए उन्हें पद्म श्री से भी नवाज़ा गया। इरफान खान की शादी सुतपा सिकदार से हुई वो एक फिल्म प्रड्यूसर हैं। उनके दो बच्चे हैं अयान खान और बबिल खान।
पान सिंह तोमर के किरदार ने इरफान खान को 2011 में राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड, फिल्म फेयर अवॉर्ड दिलवाया तो 2013 में आई लंचबॉक्स ने उन्हें पूरी दुनिया में ख्याति दिलाई। इस फिल्म में बेजोड़ अदाकारी के लिए उन्हें बाफ्टा फिल्म अवॉर्ड से नवाज़ा गया था। बॉलीवुड के बहुत ही कम ऐसे एक्टर रहे हैं जिन्हें हॉलीवुड में भी पसंद किया गया। इरफान खान उन्हीं में से एक थे।
द वॉरियर, द नेमसेक, द दार्जीलिंग लिमिटेड, जुरासिक वर्लड, इंफर्नों, लाईफ ऑफ पाय, अमेज़िग स्पाईडर मैन जैसी हॉलीवुड फिल्मों में इरफान खान ने काम किया था। 2008 में आई स्लमडॉग मिलिनेयर ने उन्हें एकैडमी अवॉर्ड दिलाया। 2018 में इरफान खान को पता चला कि उन्हें न्यूरोएंडोक्राईन ट्यूमर है।
धार्मिक तौर पर इरफान बेहद ही खुले विचारों वाले व्यक्ति रहे उनका मानना था कि ईश्वर की खोज़ इंसान खुद करता है। कट्टरता का उन्होंने हमेशा विरोध किया। वे धार्मिक विषयों पर अक्सर अपनी राय ज़ाहिर करते थे। इसके लिए उन्हें कई बार धमकियां भी दी गई। बॉलीवुड में इरफान खान हमेशा याद किये जाएंगे। उनकी अदाकारी, उनकी फिल्में दर्शकों के दिलों दिमाग पर हमेशा छाई रहेंगी। यह इंडिया उन्हें हमेशा याद रखेगा।
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