मप्र के जंगलों के आसपास बसे आदिवासियों की आमदनी का सुनिश्चित जरिया लघु वनोपज (महुआ, चिरौंजी, तेंदुपत्ता आदि) है, जोकि उन्हें साल के छह माह आदमनी देते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से बदलती जलवायु का असर वनोपज पर भी पड़ रहा है.
1877 members of the fishermen's community are reported to be affected by the Omkareshwar Floating Solar Project Our ground report from the affected village Ekhand.
मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में ओमकारेश्वर बांध के बैकवॉटर में 600 मेगावॉट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है। नदी पर सोलर प्लेट्स लगने की वजह से मछुआ परिवार के 1877 सदस्य प्रभावित हुए हैं। प्रभावित गांव एखंड से हमारी ग्राउंड रिपोर्ट।
बीते दिनों मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ओकारेश्वर के 600 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर प्लांट के विकास पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.
Mahua and Tribals | देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले आदिवासियों का जीवन वनों और वनोत्पादों पर निर्भर है. महुआ ऐसे ही महत्वपूर्ण वनोत्पाद में से एक है.
At 10 am, Anand Manjhi is returning from Budhni Ghat after catching fish. Fishing does not generate enough income to improve for the family. On Ground | Madhya Pradesh |
Over 1 billion cows worldwide, including those in India, could experience heat stress by the end of the century due to high carbon emissions and insufficient environmental protection.
Branded Story | Housing Market recovery; The second COVID-19 wave has taken India by storm, over-stretching the healthcare infrastructure. Read More Here