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ग्राउंड रिपोर्ट हिंदी

जवाई लेपर्ड सेंचुरी के आस-पास होते निर्माण कार्य पर लगते प्रश्नचिन्ह

By Chandrapratap Tiwari

राजस्थान के पाली जिले की पहाड़ियों में बड़ी संख्या में तेंदुए रहते हैं। कुछ ट्रेवल वेबसाइट्स इनकी संख्या 60 से भी अधिक बतातीं हैं। क्षेत्र के इसी महत्व को देखते हुए राजस्थान सरकार 2018 में यहां जवाई लेपर्ड सेंचुरी (Jawai Leopard Sanctuary) भी बनाई।

पर्यावरण बचाने वाले उत्तराखंड के शंकर सिंह से मिलिए

By Chandrapratap Tiwari

उत्तराखंड (Uttarakhand) के अल्मोड़ा (Almoda) में बसे एक गांव चनोला खजूरानी के निवासी शंकर सिंह बिष्ट अपनी पढ़ाई छोड़ गांव वापस लौट आए और क्षेत्र के पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं।

एक हैंडपंप पर निर्भर टीकमगढ़ का मछौरा गांव, महिलाएं-बच्चे भर रहे पानी

By Jyotsna Richhariya

पानी की कमी वाले इस गांव में केवल एक हैंडपंप काम कर रहा है और दूसरा सूख गया है। गांव की महिलाएं सुबह-सुबह पानी लाने के लिए करीब 1 किलोमीटर तक पैदल चलती हैं।

Lok Sabha Election 2024: क्या कहता है मुरैना का राजनीतिक-जातीय समीकरण?

By Ground report

Morena Election 2024 | मुरैना लोकसभा से भाजपा ने अपने दिग्गज नेता और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी शिवमंगल सिंह तोमर को मैदान मे उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने भी जातिगत समीकरण को ध्यान मे रखकर सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू को मैदान मे उतारा है।

ओमकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर की वजह से आजीविका गंवाने वाले मछुआरों की कहानी, “हमें घर से बेघर कर दिया गया”

By Pallav Jain and Rajeev Tyagi

मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में ओमकारेश्वर बांध के बैकवॉटर में 600 मेगावॉट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है। नदी पर सोलर प्लेट्स लगने की वजह से मछुआ परिवार के 1877 सदस्य प्रभावित हुए हैं। प्रभावित गांव एखंड से हमारी ग्राउंड रिपोर्ट।

अमृतकाल में 'सरोवर' की राह ताकते मध्य प्रदेश के गाँव

By Shishir Agrawal

तालाब भूजल को रिचार्ज करने के प्रमुख साधन हैं. मगर अमृत सरोवर योजना से छूट गए गाँवों में तालाब और भूजल दोनों की ही स्थिति बेहद ख़राब है. ऐसे में यह स्थिति यहाँ के ग्रामीणों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ और परेशानियाँ लादती है.

मिलिए हज़ारों मोरों की जान बचाने वाले झाबुआ के इस किसान से

By Chandrapratap Tiwari

झाबुआ (Jhabua) के एक किसान हैं नारायण सिंह जिन्होंने अपना जीवन मोरों की सेवा में लगाया है, और अब तक ढाई हजार से अधिक मोरों की जान बचा चुके है।

“ज़्यादा गर्मी में हम भले ही मर जाएँ लेकिन ये काम करना ही पड़ेगा”

By Shishir Agrawal

बढ़ते तामपान के चलते खुले में काम करने वाले मज़दूर सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं. लिंग आधारित पहचान, भूमिहीन होना और योजना से वंचित होना इस कठिनाई को और बढ़ा देता है. 

नियम के खिलाफ जाकर इंदौर के सिरपुर वेटलैंड में हो रहा निर्माण कार्य

By Chandrapratap Tiwari

इंदौर (Indore) के सिरपुर वेटलैंड (wetland) में कई तरह के निर्माण कार्य नियमों के खिलाफ हैं। यह मामला भी एनजीटी (NGT) में चल रहा है, सिरपुर के सर्वे की रिपोर्ट और फैसला आना शेष है।

11,000 फीट पर जीवन: लद्दाख के प्रवासी श्रमिकों की अनकही कहानियाँ

By Wahid Bhat

यह नजारा लेह, लद्दाख (Ladakh) में प्रवासी मजदूरों की वास्तविकता को दर्शाता है, जब वे रोजगार की तलाश में मुख्य बाजार में इकट्ठा होते हैं। चुनौतियों का सामना करने में उनकी दृढ़ता उनके समर्पण को दर्शाती है जो इस क्षेत्र में उनके जीवन को परिभाषित करती है।