ज़ी न्यूज़ के पत्रकार सुधीर चौधरी को देश में भला कौन नहीं जानता! ज़ी पर DNA प्रोग्राम कर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। एक धड़ा सुधीर चौधरी को गोदी मीडिया का एंकर कह कर बुलाता है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ‘तिहाड़ी’ और मोदी सरकार का प्रवक्ता बता कर ट्रोल करते हैं। तिहाड़ में जेल भी काट चुके हैं सुधीर चौधरी। आइये जानते हैं क्यों जेल गए थे सुधीर चौधरी?
भले ही पत्रकारिता की दुनिया में सुधीर चौधरी एक जाना पहचाना नाम हों, लेकिन उऩके दामन पर एक ऐसा दाग़ भी है, जिसका ज़िक्र वह शायद नहीं करें। 27 नवंबर 2012 का वो दिन जब अपने साथी समीर अहलूवालिया के साथ सुधीर चौधरी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल जाना पड़ा था।
सुधीर चौधरी को क्यों जाना पड़ा था जेल
उन पर कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल की कंपनी से कथित तौर पर कोयला घोटाले में शामिल होने की ख़बर प्रसारित नहीं करने के बदले में 100 करोड़ रुपये मांगने का आरोप था। यही नहीं रसूखदार कहे जाने वाले ज़ी न्यूज़ के चेयरमैन सुभाष चंद्रा को अपके भाई जवाहर गोयल, लीगल हेड ए. मोहन औऱ सेल्स हेड अमित त्रिपाठी के साथ पूछताछ का सामना करना पड़ा था।
उल्लेखनीय है कि जब सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया इस बारे में जिंदल ग्रुप के साथ बात कर रहे थे तब ज़िंदल ग्रुप ने उनका एक सीडी बना लिया था। इस सीडी में दिखाया गया था कि ये पत्रकार पैसों की मांग कर रहे थे और कह रहे थे कि अगर उन्हें ये पैसा मिला तो वो जिंदल ग्रुप के बारे में नेगेटिव खबरें नहीं करेंगे। सुधीर ने इन आरोपों को बकवास करार दिया था और कहा था कि ये चैनल पर दबाव बनाने का तरीका है।
MSP का झुनझुना और डीज़ल की आड़ में बड़ा धोखा !
मामला सामने आने के बाद ज़ी टीवी ने जिंदल ग्रुप के ख़िलाफ़ 100 करोड़ रुपए का मानहानि का दावा किया था। जबकि ज़िंदल ने ज़ी के ख़िलाफ़ 200 करोड़ रुपए का दावा किया था।
जेल से निकलने के बाद किसी शर्मिंदगी के बजाय ज़ी न्यूज़ के मालिक सुधीर चंद्रा ने चैनल की कमान वापस सुधीर को सौंप दी। चौधरी की अगुवाई में ज़ी न्यूज़ ने बीजेपी के लिए खुलकर कैंपेनिंग की। पत्रकारीय धर्म को तार-तार करने वाले चौधरी को इसका इनाम भी मिला। मोदी सरकार ने 2015 में सुधीर चौधरी को एक्स श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करा दी।
उगाही कांड’ से पहले सुधीर का फर्ज़ी स्टिंग
इस ‘उगाही कांड’ से पहले सुधीर लाइव इंडिया चैनल में बतौर संपादक सेवाएं दे चुके हैं। उनके ही संपादकत्व में उनके रिपोर्टर प्रकाश सिंह ने 2007 में एक महिला शिक्षक उमा ख़ुराना का स्टिंग ऑपरेशन किया गया था।
स्टिंग में आरोप लगाया गया था कि उमा खुराना स्कूल की बच्चियों से वेश्यावृत्ति करवाती हैं लेकिन बाद में स्टिंग फर्ज़ी पाया गया। तब सुधीर की अगुवाई में चल रहे लाइव इंडिया चैनल को ऑफ एयर होकर भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी। हालांकि जांच के दौरान सुधीर चौधरी ने सारी गलतियों का ठीकरा अपने रिपोर्टर प्रकाश सिंह पर ही फोड़ दिया था।
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