Attack on Pearl Harbor : आज जो अमेरिका पूरी दुनिया को आँख दिखाता है और खुद को सुपर पावर बताता है । किसी भी देश में जाकर हवाई हमला कर देता है, लेकिन उसी अमेरिका के इतिहास में एक दिन ऐसा भी आया था जब अमेरिका को जापान ने कभी न भूलने वाली कड़वी यादें दीं ।
बात 2nd world war के दौरान 7 दिसंबर 1941 की है। जब सुबह के करीब 7:48 जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर नेवल बेस (Attack on Pearl Harbor) पर हमला कर अमेरिका को ऐसा जख्म दिया जिसे अमेरिका अपने इतिहास में कभी नहीं भूल सकता । जापान ने अमेरिकी टैंकों को भी निशाना बनाया। एक अनुमान के मुताबिक इस हमलें में अमेरिका के करीब 2500 सैनिक मारे गये थे और करीब 1000 सैनिक घायल हुए थे । एक घंटे की बमबारी के दौरान जापानी लड़ाकू विमानों ने ऐसी तबाही मचायी की पूरा अमेरिका सिहर उठा था ।
अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम बरसा दिए
अमेरिका जापान के हमले को लेकर पूरी तरह तैयार नही था। जबकि जापान ने इस हमले के लिए 350 से ज्यादा लड़ाकू विमान भेजे थे । इस हमले में अमेरिका के 6 बड़े जहाज ,112 नाव और 164 लड़ाकू विमान तबाह हो गए थे । 1 घंटे 15 की बमबारी में जापान ने पूरा पर्ल हार्बर बेस तबाह कर दिया था । इस हमले का नतीजा ये हुआ अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति एफ़ डी रूजवेल्ट ने जापान के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया और 8 दिसंबर 1941 को अमेरिका सीधे तौर पर दूसरे विश्वयुद्ध में शामिल हो गया और अमेरिका ने अपने सैनिक अड्डे और अपने मारे गए सैनिकों पर हुए इस हमले का बदला 4 साल बाद 2 जापानी शहर हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम से हमला करके लिया ।
Two minors marry in classroom, video viral on social media
पर्ल हार्बर सैनिक अड्डे पर हमला जापान की अमेरिकी से नाराजगी का परिणाम था। कहतें हैं कि जापान अपने ऊपर थोपे गए अमेरिकी प्रतिबंध से नाराज था और इसी प्रतिबंध को लेकर वॉशिंगटन में अमेरिका के तत्कालीन विदेशमंत्री जापानी डेलीगेशन से बातचीत कर रहे थे जब जापान ने पर्ल हार्बर पर अटैक किया था । दरअसल चीन में जापान की आंतरिक दखल को लेकर अमेरिका ने जापान पर प्रतिबंध लगा दिया था और अपने अमेरिकी सैनिकों को चीन की मदद के लिए भी भेजा था ।
Ground Report के साथ फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप के माध्यम से जुड़ सकते हैं और अपनी राय हमें [email protected] पर मेल कर सकते हैं।