प्रदेश (Madhya Pradesh) में 28 सीटों पर उपचुनाव की तैयारी भी अब जोरों शोरों से चल रही है, जिसके साथ-साथ आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है, वहीं कांग्रेस की तरफ से घोषणा पत्र जारी कर दिया गया है, वचन पत्र में फिर एक बार किसानों की कर्ज़ माफ़ी की घोषणा की गई है, कांग्रेस द्वारा जारी वचन पत्र पर शिवराज चौहान ने टिप्पणी देते हुए कहा कि 10 दिन में पुराने वचन पत्र को पूरी करने की बात की गई थी पर ना तो वचन निभाया और ना ही उसे पूरा किया। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 52 बाते कही हैं जिसमें ग्वालियर-चंबल के आर्थिक विकास पर ज्यादा ध्यान देने की बात की है साथ ही कोविड-19 से संबंधित राहत के उपाय की भी बात की, घोषणा पत्र जारी करते वक़्त कमलनाथ ने यह भी कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में किए 976 वादों में से हमने 574 वादों को 11 महीनों में पूरा किया था।
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कितनी सीटों पर हो रहे उपचुनाव
मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं, 03 नवंबर को मतदान पूर्ण होने के बाद भारतीय निर्वाचन आयोग(Election Commission of India) के द्वारा 10 नवंबर को मतदान के परिणाम (Result) का ऐलान होगा, भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों इस महामारी के वक़्त भी चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं, लेकिन भाजपा के जीतने के आसार ज्यादा लग रहे है, हालांकि उपचुनाव सितंबर में होने वाले थे पर कोरोना महामारी के कारण उपचुनाव स्थगित कर दिये गए थे।

क्यों हो रहा है उपचुनाव
दरअसल उपचुनाव होने का सबसे मुख्य कारण ज्योतिरआदित्य सिंधिया का 22 विधायकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा मे शामिल होना है, 2018 में हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 230 सीटों में से 114 सीटें हासिल की थी और समाजवादी पार्टी (SP) के 01 व बहुजन समाज पार्टी (BSP) के 02 और 04 निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर बहुमत साबित कर सरकार बनायीं थी, वहीं दूसरी तरफ भाजपा (BJP) ने 109 सीटें हासिल की थी, हालांकि इसके 15 महीने बाद ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Former Cabinet Minister Jyotiraditya Scindia) ने 10 मार्च को अपने 22 समर्थक विधायकों संघ कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा खेमे में जुड़ गए और 3 विधायकों की मृत्यु हो गई। भाजपा (BJP) के पास 107 विधायक है वहीं कांग्रेस (Congress) के पास 88, 01 विधायक समाजवादी पार्टी (SP) और 02 बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पास हैं। सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा (BJP) को 28 सीटों में से करीबन 09 सीटे जीतनी पड़ेंगी, वहीं कुर्सी दोबारा पाने के लिए कांग्रेस को 28 सीटों पर हर हालत में जीत हासिल करनी ही होगी, ख़ास बात ये है कि 16 सीटों का चुनाव ग्वालियर-चंबल के क्षेत्र में होना है, पर विडंबना यह है कि उस क्षेत्र में ज्योतिरादित्य की अच्छी खासी पकड़ है जिस कारण कांग्रेस का सत्ता पर फिर से कायम हो पाना मुश्किल नजर आ रहा है।
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उपचुनाव जीतने के लिए पार्टियों ने क्या कदम उठाए
फिलहाल कांग्रेस ‘गद्दारी’ के विषय पर ज्यादा जोर डाल रही है, वहीं भाजपा ‘वही भरोसा, दुगनी रफ्तार’ के साथ जनता के बीच आगे बढ़ रही है। दरअसल सिंधिया के भाजपा में जुड़ने और केंद्र में शाषित होने के कारण भाजपा को काफी लाभ हो रहा है, दूसरी तरफ कांग्रेस भी अपनी पूरी कोशिश में लगी हुई है। पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार कोरोना संक्रमित होने के बावजूद भी अस्पताल से मोर्चा संभाल रहे हैं।
तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश की राजनीति में साधु शैतान के बाद अब मर्यादा पुरुषोत्तम राम की ओर का मोड़ ले लिया है। कांग्रेस के द्वारा सोशल मीडिया पर भी ‘मैं भी बनूंगा मर्यादा पुरुषोत्तम राम’ अभियान शुरू किया गया है, हालांकि कांग्रेस की ओर से बीजेपी पर निशाना साधा जा रहा है, दरअसल यह हैशटैग भाजपा के ‘मैं भी शिवराज कैप्टन’ का जवाब माना जा रहा है। इसके अलावा कांग्रेस के द्वारा की जा रही लोकतंत्र बचाओ यात्रा को कमलनाथ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया है। लोकतंत्र बचाओ यात्रा 16 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक चुनावी क्षेत्र में चलाया जाएगा।
किन सीटों पर होंगे उपचुनाव
1. जौरा (Joura)
2. सुमावली (Sumawali)
3. मोरेना (Morena)
4. दिमनी (Dimni)
5. अंबाह (Ambah)
6. मेहगांव (Mehgaon)
7. गोहद (Gohad)
8. ग्वालियर (Gwalior)
9. ग्वालियर पूर्व (Gwalior East)
10. दबरा (Dabra)
11. भांडेर (Bhander)
12. करैरा (Karera)
13. पोहारी (Pohari)
14. बमोरी (Bamori)
15. अशोक नगर (Ashok Nagar)
16. मुंगोली (Mungaoli)
17. सुर्खी (Surkhi)
18. मल्हरा (Malehra)
19. अनूपपुर (Anuppur)
20. साँची (Sanchi)
21. ब्यावरा (Biaora)
22. अगर (Agar)
23. हाटपिप्लया (Hatpipalya)
24. मांधाता (Mandhata)
25. नेपानगर (Nepanagar)
26. बदनावर (Badnagar)
27. सांवेर (Sanwer)
28. सुवासरा (Suvasara)
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