कोरोना वायरस क्या सच में चीन से फैला है। क्या सच में कोरोना वहुान से आया है। क्या वुहान की टेस्टिंग लैब में कोरोना सबसे फैला था। वहां ऐसा क्या काम हो रहा था जिससे दुनिया भर में इतनी खतरनाक और जानलेवा बीमारी फैल गई। ऐसे तमाम सवालों से घिरा चीन और दुनिया भर के देश उसे शक की नजरों से देख रहे हैं। इन सवालों का पता लगाने WHO की 15 सदस्यों वाली टीम चीन पहुंच चुकी है।
चीन पहुंचते ही 15 सदस्यों वाली इस टीम को क्वारंटाइन कर दिया गया। जबकि इनमें से दो वैज्ञानिकों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव बताई गई जिसके बाद इन्हें सिंगापुर में रोक दिया गया है। जबकि इससे पहले इनके देश में हुए कई एंटीबॉडी, सीपीआर और कोरोना टेस्ट में इन लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। WHO के वैज्ञानिकों को इस तरह क्वारंटाइन करने के बाद दुनिया भर के देशों में फिर से संशय की स्थिति की शायद ही कोई बड़ा खुलासा हो लेकिन सच क्या है इनकी रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
WHO के दल में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ब्रिटेन, रूस, नीदरलैंड, कतर और वियतनाम के तमाम विशेषज्ञों की टीम हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण की सबसे चीन से खबर सामने आई थी। इसके बाद पूरी दुनिया इसकी जद में आ गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों ने बुधवार को पेइचिंग में मीडिया को बताया कि वायरस की शुरुआत कहां से हुई, यह एक वैज्ञानिक सवाल है और उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए विशेषज्ञों को दूसरे देशों का भी दौरा करना चाहिए। डब्ल्यूएचओ की टीम को दौरे के लिए देरी से अनुमति देने पर कई सवाल भी उठे हैं।
हालाकि इतने आरोपों के बावजूद चीन ये सिरे से खारिज करता आ रहा है कि वुहान से कोरोना फैला। वुहान में जानवरों के बाजार से कोरोना वायरस की शुरुआत होने की धारणा को चीन ने नकार दिया। हालांकि बीते एक साल से ही वुहान में जानवरों के मांस का बाजार बंद है। वहीं चीन ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि, कैसे यह वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंचा, इन सवालों के जवाब उनके पास नहीं है। चीन के चिकित्सा विशेषज्ञ वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए WHO की पूरी मदद करेंगे।
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