24 दिसंबर 2020 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने वकील महमूद प्राचा के दफ्तर पर छापेमारी की थी। उन पर कथित रूप से एक फर्ज़ी हलफनामा देने और दंगा पीड़ितों को झूठे बयान देने के लिए मजबूर करने का आरोप है। प्राचा पर ये आरोप भी है कि उन्होंने एक अन्य वकील के हस्ताक्षर वाला शपथ पत्र आगे बढ़ाया था, जबकि वो वकील तीन साल पहले मर चुका था।
कौन हैं महमूद प्राचा?
महमूद प्राचा सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं। वो 2019 में CAA के ख़िलाफ हुए प्रदर्शन में जामा मस्जिद के बाहर अंबेडकर की फोटो लहराकर चर्चा में आए थे। उनकी पहचान एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर भी है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया कैंपस में 15 दिसंबर 2019 को पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाले वकीलों में से एक थे। दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के वकील रहे हैं। CAA के खिलाफ मुखर हैं और कई टीवी डिबेट्स का हिस्सा बनते रहे हैं।
कौन है दुनिया का वो एक मात्र खुशनसीब जिसे रतन टाटा इंस्टाग्राम पर फॉलो करते हैं?
Ground Report के साथ फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप के माध्यम से जुड़ सकते हैं और अपनी राय हमें [email protected] पर मेल कर सकते हैं।