अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African swine fever) ने भारत में अपनी दस्तक दे दी है। केरल के वायनाड (Kerala’s Wayanad) ज़िले के मानन्थावाद्य स्थित दो पशुपालन केंद्रों में पाया गया। पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कई सूअरों की मौत के बाद नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। रिज़ल्ट आने के बाद इस बुखार की पुष्टि हुई है। पशुपालन केंद्र के 300 सूअरों को मारने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी
अफ्रीकन स्वाइन फीवर ( (African swine fever) बेहद संक्रामक और घातक बीमारी है। ये बीमारी आमतौर पर बुजुर्गों और बच्चों को शिकार बनाती है। एच1एन1 इन्फ्लूएंजा वायरस (H1NI influenza Virus) के फैलने की बड़ी वजह तेजी से बदलता हुआ मौसम ही होता है। केंद्र सरकार ने बताया था बिहार और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ के मामले सामने आए हैं। पशुपालन विभाग ने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
African swine fever : क्या है अफ्रीकन स्वाइन फीवर
पशुपालन विभाग का कहना है कि स्वाइन फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल जाता है। ये आम फ्लू या सर्दी-जुकाम की तरह ही होती है। वहीं इसके लक्षण की बात करें तो आमतौर पर सर्दी-जुकाम की तरह ही हैं लेकिन इसमें सांस फूलती है, शरीर दर्द के साथ कमजोरी महसूस होती है। खांसने, छींकने या सांस से फैलती है। जब कोई स्वाइन फ्लू मरीज दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो उसे भी ये बीमारी होने की आशंका रहती है। ये हमारे श्वसन तंत्र से जुड़ी संक्रामक बीमारी है।
अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African swine fever) के केस भारत में पहली बार मई 2020 में असम और अरुणाचल प्रदेश में सामने आए थे। यह रोग एशिया, कैरिबियन, यूरोप और प्रशांत क्षेत्र के कई देशों में पहुंच चुका है, जिससे घरेलू और जंगली दोनों सूअर प्रभावित होते हैं। विश्व स्तर पर, 2005 से, कुल 73 देशों में एएसएफ की सूचना मिली है। अफ्रीकन स्वाइन फीवर दुनिया भर में फैल रहा है, जिससे सुअर के स्वास्थ्य और कल्याण को ख़तरा है।
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