Priyanshu | Lucknow
शहीद पुलिसकर्मियों ने जिस अपरिमित साहस और अद्भुत कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया है, उत्तर प्रदेश उसे कभी नहीं भूलेगा। उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
-योगी आदित्यनाथ, सीएम यूपी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बात कानपुर में कथित रूप से विकास दुबे के हाथों मारे गए आठ पुलिसकर्मियों के मामले में कही थी। इसके हफ्ताभर बाद यूपी पुलिस ने कथित एनकाउंटर में विकास दुबे को ढेर कर दिया। कानपुर के इस कांड की तरह ही दो साल पहले बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की घेरकर हत्या की गई थी। इसी 14 जुलाई को साल 2018 में बुलंदशहर के स्याना में हुई इस हिंसा के एक अभियुक्त शिखर अग्रवाल को प्रधानमंत्री जनजागरूकता अभियान नाम की संस्था ने बुलंदशहर जिले का महामंत्री बना दिया। शिखर अग्रवाल बुलंदशहर पिछले साल गिरफ्तार हुए थे। वह इस समय जमानत पर हैं।
शिखर ने बीबीसी को बताया कि यह दायित्व उनकी छवि को देखते हुए दिया गया है। उनके मुताबिक, केंद्र सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह संस्था काम करती है। इसके बारे में हमें समझाया भी गया है कि कैसे काम करना है। गांव-गांव जाकर मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को पहुंचाना है।
शिखर अग्रवाल को जो मनोनय पत्र दिया गया है उस पर कई केंद्रीय मंत्रियों समेत भाजपा के एक कद्दावर नेता का भी नाम है। मंत्रियों में रमेश पोखरियाल निशंक, नरेंद्र तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी चौबे, श्रीपद नाइक, गिरिराज सिंह हैं जबकि कद्दावर नेता हैं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू। शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पत्नी रजनी सिंह ने वीडियो जारी कर कहा है, ‘मेरा सरकार के उन लोगों से सवाल है जो इन अपराधियों को इतना बढ़ावा देकर दूसरा विकास दुबे पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं या इनको हकीकत में पता ही नहीं होता है कि इनकी जिला स्तर पर कार्यकारिणी में क्या हो रहा है?’
बैकफुट पर भाजपा, पल्ला झाड़ा
उधर, विवाद बढ़ने पर भाजपा बैकफुट पर आ गई। पार्टी के बुलंदशहर जिले के महामंत्री संजय गूजर का कहना कि यह संस्था एक एनजीओ है और पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से इसका कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि आपने संस्था का प्रमाण पत्र देखा होगा, उसमें न तो भाजपा का झंडा है और न ही उसका चुनाव निशान कमल का फूल है। उस संस्था से भाजप का कोई-लेना देना नहीं है। उनकी अपनी इकाई है, अपना संगठन है। वो लोग किसी को भी कोई पद देने के लिए स्वतंत्र हैं।

जानकारी न होने का दावा
प्रधानमंत्री जनजागरूकता अभियान संस्था के बुलंदशहर जिले के अध्यक्ष प्रियतम सिंह प्रेम का भी कहना है कि भाजपा से उनका कोई लेना-देना नहीं है लेकिन पार्टी के कई केंद्रीय मंत्री उनकी संस्था के मार्गदर्शक मंडल में हैं। बीबीसी से प्रियतम सिंह ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं थी। जैसे ही मीडिया के माध्यम से पता चला की शिखर अग्रवाल जमानत पर हैं तो हमने तुरंत कार्रवाई की है। अनुमति मिलते ही उन्हें पदमुक्त कर दिया जाएगा।
अखलाक के हत्यारोपियों को नौकरी
इससे पहले उत्तर प्रदेश के ही दादरी के बिसहड़ा गांव में मोहम्मद अखलाक की हत्या के आरोपी 15 युवकों को नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) लिमिटेड में कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी दिलाई जा चुकी है। 28 सितंबर, 2015 को गोमांस रखने के शक में अखलाक को भीड़ ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। अभियुक्तों की नौकरी लगवाने में भाजपा विधायक तेजपाल सिंह नागर ने मदद की थी। भाजपा विधायक तेजपाल सिंह नागर मामले में मुख्य आरोपी के भाई हैं।