UP Board exam 2021: 10वीं 12वीं की परीक्षा अप्रैल से पहले शुरू होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। इसका कारण केंद्र निर्धारण न हो पाना माना जा रहा है। शिक्षा विभाग ने मार्च अप्रैल में बोर्ड परीक्षा कराने की बात कही थी।
कोरोना की वजह से क्षात्रों का बहुत समय बर्बाद हो चुका है। ऐसे में परीक्षाओं में देरी से बच्चों के भविष्य की योजनाओं पर भी बुरा असर पड़ेगा।
क्या हैं UP Board exam 2021 में देरी के कारण?
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में सेंटरों की संख्या बढ़ने न पाए इसलिए सरकार ने केंद्र निर्धारण नीति में संशोधन कर दिया है।
25 नवंबर को कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर जारी नीति के अनुसार एक कमरे में औसतन 14 बच्चों के बैठने की व्यवस्था हो पा रही थी लेकिन अब एक कमरे में 23 परीक्षार्थी बैठ सकेंगे।
पहले जारी की गई नीति में प्रत्येक परीक्षार्थी के लिए 36 वर्गफीट का क्षेत्रफल निर्धारित था। अब प्रत्येक परीक्षार्थी के बीच 6 वर्गफीट की दूरी का मानक रखा गया है। चारों दीवारों से 6 फीट दूरी की आवश्यकता समाप्त होने से अब एक कमरे में 23 बच्चे बैठ सकेंगे।
25 नवंबर 2020 को जारी नीति में न्यूनतम 150 और अधिकतम 800 परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारित करने की बात थी। लेकिन अब तक न्यूनतम 250 और अधिकतम 1200 छात्रों के बैठने का नियम लागू किया गया है।
परीक्षा केंद्रों की संख्या में बदलाव के बाद ही समय सारिणी में भी बदलाव किया जा रहा है। पहले 9 फरवरी तक केंद्रों की अंतिम सूची जारी होनी थी। अब 22 फरवरी तक अंतिम सूची जारी हो सकेगी। पहली सूची 11 जनवरी को जारी होनी थी जो अब 25 जनवरी तक घोषित की जाएगी।
केंद्रो के सूची जारी होने के बाद ही परीक्षा की तिथी UP Board exam 2021 भी घोषित होगी।
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