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'इनसाक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट' के नाम से फेमस इस महिला को मिला पदमश्री

News, current affairs, opinion, views, editorial and ground reports on socio political issues of India.तुलसी गावड़ा को इनसाक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट कहा जाता है। उन्होंने कही पर भी सामान्य शिक्षा नही ली है, इसके बावजूद उनको जंगल में पेड़-पौधों की प्रजातियों के बारे में काफी जानकारी है। गरीब परिवार से संबंध रखने के बावजूद प्रकृति के संरक्षण को लेकर वो काफी सजग है और अभी तक लाखों पौधों को पेड़ बना चुकी है। जंगल के प्रति उनकी जागरुकता और उनके योगदान को देखते हुए वन विभाग ने उनको नौकरी दी है।

By Nehal Rizvi
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'इनसाक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट' के नाम से फेमस इस महिला को मिला पदमश्री

तुलसी गावड़ा को इनसाक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट कहा जाता है। उन्होंने कही पर भी सामान्य शिक्षा नही ली है, इसके बावजूद उनको जंगल में पेड़-पौधों की प्रजातियों के बारे में काफी जानकारी है। गरीब परिवार से संबंध रखने के बावजूद प्रकृति के संरक्षण को लेकर वो काफी सजग है और अभी तक लाखों पौधों को पेड़ बना चुकी है। जंगल के प्रति उनकी जागरुकता और उनके योगदान को देखते हुए वन विभाग ने उनको नौकरी दी है।

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आज हज़ारो लोगों के लिय गावड़ा एक मिलास बन चुकी हैं। 72 साल की तुलसी गावड़ा ने बीते 60 सालों में हज़ारों तरह के पेड़-पौधों को लगा कर उन्हें हरा भरा किया है। पर्यावरण के क्षेत्र में इसको खासा इल्म है। लोग तुलसी गावड़ा से पेड़-पौधों से जुड़ी तमाम तरह की बातों को सीखने के लिय उनके पास जाया करते हैं।

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तुलसा गावड़ा ने फारेस्ट डिपार्टमेंट में एक प्राइवेट कर्मचारी के रूप में काम शुरू किया था। तुलसी गावड़ा की नेचर के प्रति लगन और मेहनत को देखते हुए उन्हें विभाग ने स्थायी रूप से कर्मचारी के रूप में नौकरी पर रख लिया। उनके काम से प्रभावित होकर सरकार ने उन्हें पदमश्री सम्मान ने नवाज़ा है।