Powered by

Advertisment
Home हिंदी

पर्यावरण के लिए सुंदरम तिवारी ने चलाया युवा संवाद कार्यक्रम

पर्यावरण के लिए सुंदरम तिवारी ने युवा संवाद कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के एक सेगमेंट 'आओ नादियो एवं पर्यावरण को जानें' के माध्यम से सुंदरम अभी तक प्रतापगढ़ के 18 विद्यालय में 1 हजार से अधिक विद्यार्थियों से संवाद कर चुके हैं। 

By Ground Report
New Update
sundaram
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

प्रतापगढ़ के युवा सुंदरम तिवारी पिछले कुछ वर्षों से अपनी नौकरी छोड़ कर पर्यावरण के संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं। इस दौरान सुंदरम ने 18,322 स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, और गांवों में 2 लाख से भी अधिक वृक्षारोपण किये हैं। अब पर्यावरण के लिए सुंदरम तिवारी ने युवा संवाद कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के एक सेगमेंट 'आओ नादियो एवं पर्यावरण को जानें' के माध्यम से सुंदरम अभी तक प्रतापगढ़ के 18 विद्यालय में 1 हजार से अधिक विद्यार्थियों से संवाद कर चुके हैं। 

Advertisment

आओ पर्यावरण को जाने एवं एक पेड़ प्रतापगढ़ के अभियान तहत सुंदरम युवा साथियों एवं छात्र छत्राओ के मध्य पर्यावरण संरक्षण में विद्यार्थी की  भूमिका विषय पर संवाद करते हैं। अपने कार्यक्रम के तहत सुंदरम रानीगंज, जामतली, रामपुर, दिलीपपुर, गीतानगर, पट्टी, पृथ्वीगंज, एवं मांधाता समेत 18, इंटर कॉलेज में पर्यावरण संरक्षण, जल, ज़मीन, जंगल, जानवर कैसे संरक्षण हो इस विषय पर युवाओं से संवाद कर चुके हैं। 

सुन्दरम तिवारी के मार्गदर्शन में यह अभियान लगभग एक महीने से चल रहा है, सुन्दरम ने बताया,

यह अभियान अभी रानीगंज रेज, एवं सदर रेंज के 18  के राम निहोर इंटरमीडिएट कॉलेज, भूसलपुर, प्रतापगढ़, छात्र छत्राओ से संवाद कार्यक्रम हुआ। इसमें मैंने मुख्यतः पर्यावरण संरक्षण विषय, जल ज़मीन, जंगल, विषय पर संवाद कार्यक्रम किया। साथ ही सई नदी के बारे में सफ़ाई अभियान स्वच्छता अभियान में युवाओं को आगे आने के लिए आग्रह किया , और सई नदी में घर के पूजन के बाद डाले जाने वाले कचरा, मूर्ति, फूल, और तस्वीर जैसे चीज को ना डालने के संकल्प दिलाया। इसके साथ -साथ सईं नदी में चलाये जा रहे अभियान के बारे में छात्र छात्राओं को अवगत कराया, और अभियान में शामिल होने का आग्रह किया और एक युवा होने के नाते अपने ज़िले में पर्यावरण विषय जैसे मुद्दे पर सहयोग के लिए निवेदन किया। 

सुंदरम आगे कहते हैं, हम अब तक 
1-देवकी विद्या मन्दिर इंटरमीडिएट कॉलेज, मीरपुर, रानीगंज
2- इसरा इण्टर मीडियट जामतली
3-जीआइसी इण्टर कॉलेज  चंदी गोविंदपुर  
4-गीतनगर बाज़ार  स्थिति केपी पब्लिक स्कूल 
5-के. पी. पब्लिक स्कूल गीतानगर 
6-इण्डियन पब्लिक स्कूल 
7-मांधाता के जयराज़ी इंटर कॉलेज  
8-सनराइज पब्लिक स्कूल समेत 18 इंटर कॉलेज में लगभग हज़ार से अधिक विद्यार्थी को संबोधित कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिला चुके हैं। 

सुंदरम बताते हैं कि छात्र छात्राओं से पर्यावरण पर संवाद के उपरांत पर्यावरण के विषय में छात्र छात्राओं के सवाल का जवाब दिया। कार्यक्रम के बाद हमने कॉलेज के प्रधानचार्य को एक फीडबैक फॉर्म दिया जिसमे सभी छात्रों से प्रतापगढ़ , स्वच्छ , स्वस्थ , और बेहतर कैसे हो उसपर अपने विचार ऑनलाइन तरीके से रखने का आग्रह किया।

Sundaram Tiwari

इस फॉर्म के जरिये छात्रों को उनके अन्य विचार और यदि पर्यावरण से संबंधी यदि कोई भी सवाल हो तो उन्हें पूछने का अवसर दिया गया है। साथ ही हमने छात्रों से इस फॉर्म के जरिये हमारे पर्यावरण बचाने के अभियान से जुड़ कर पर्यावरण के सुधार के लिए प्रयास को करने का अवसर भी दिया गया। 

अभियान के संयोजक सुन्दरम तिवारी ने बताया इस तरह अभियान कॉलेज में लगातार चलाया  जा रहा है, ताकि प्रतापगढ़ के हर विद्यालय तक पहुँचा जा सके। सुंदरम  है की इन अभियानों पर आने वाले खर्चों का निर्वहन वे स्वयं ही करते हैं। इसके लिए वे किसी फंडिंग इत्यादि पर निर्भर नहीं हैं। पर्यावरण को लेकर सुन्दरम तिवारी द्वारा किये गए इन्हीं कार्यों को देखते हुए हाल ही उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें विवेकानंद यूथ अवार्ड देने की घोषणा की है। 

भारत में स्वतंत्र पर्यावरण पत्रकारिता को जारी रखने के लिए ग्राउंड रिपोर्ट का आर्थिक सहयोग करें। 

पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए आप ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुकट्विटरइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सएप पर फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी जटिल शब्दावली सरल भाषा में समझने के लिए पढ़िए हमारी क्लाईमेट ग्लॉसरी 

यह भी पढ़ें

कूड़े की यात्रा: घरों के फर्श से लैंडफिल के अर्श तक

वायु प्रदूषण और हड्डियों की कमज़ोरी

एमपी के मंडला से विलुप्त होती रामतिल, मिलेट मिशन पर सवाल खड़े करती है

MP के पांढुर्ना में प्लास्टिक को लैंडफिल में जाने से रोक रहे हैं अरुण