मध्यप्रदेश से वन्य जीवों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल मध्यप्रदेश के वन क्षेत्रों में 29 अप्रैल से लेकर 1 मई तक गिद्धों की गणना (Vulture Census) का काम हुआ है। इस गणना में प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) में सर्वाधिक गिद्ध पाए गए है। इस गणना में पन्ना टाइगर रिजर्व में गिद्धों की संख्या 854 पाई गई है।
पन्ना में सर्वाधिक गिद्ध
2020-21 में हुई गणना में पन्ना टाइगर रिजर्व में 722 गिद्ध थे। अब यह संख्या बढ़कर 854 हो गई है। कुल 15 वालंटियर ने मिलकर 3 दिन में, सुबह 6 बजे से 8 बजे के बीच गिद्धों के 65 आवासों की गणना की।
3 दिन की इस गणना के पहले दिन 594 वयस्क गिद्ध और 70 अर्धवयस्क गिद्ध देखे गये। दूसरे दिन यह आंकड़ा 780 वयस्क गिद्ध और 74 अर्ध-वयस्क गिद्ध का हो गया। वहीं अंतिम दिन 1 मई को, विभिन्न आवासों में 679 वयस्क गिद्ध और 78 अर्ध-वयस्क गिद्ध देखे गए।
गिद्धों की क्रिटिकली इंडेंजर्ड प्रजातियां भी पन्ना में
मध्यप्रदेश में गिद्धों की कुल 7 प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमे से आमतौर पर पन्ना रिजर्व में इंडियन लॉन्ग बिल्ड वल्चर, इजिप्शियन वल्चर, व्हाइट बैक्ड वल्चर, यूरेशियन वल्चर आदि पाए जाते हैं। इन चार में से दो, इंडियन लॉन्ग बिल्ड वल्चर (Gyps indicus) और व्हाइट बैक्ड वल्चर (Gyps Bengalensis) आईयूसीएन (IUCN) के क्रिटिकली एनडेंजर्ड की सूची में आते हैं।
मध्यप्रदेश बन चुका वल्चर स्टेट
गिद्ध आमतौर से धीमे प्रजनन के लिए जाने जाते हैं। एक गिद्ध साल भर में केवल एक अंडा देती है। फरवरी 2024 में प्रदेश के 33 जिलों के 900 से अधिक स्थानों में जटायु संरक्षण अभियान के तहत गिध्दों की गणना हुई थी।के मुताबिक मध्यप्रदेश में गिद्धों की अनुमानित संख्या 10000 के लगभग बताई गई है। ये संख्या पिछली गिद्ध गणना, जिसमे 9400 गिद्ध थे, में 10 प्रतिशत से अधिक का उछाल दिखती है।
अब मध्यप्रदेश टाइगर के बाद वल्चर स्टेट भी बन चुका है। और इसमें सर्वाधिक गिद्ध पन्ना में हैं। मुख्यधारा की बहस से गायब पर्यावरणीय मुद्दों के बीच बढ़ती गिद्धों की संख्या जाहिर तौर पर पर्यावर्णीय दृष्टिकोण से एक सकारात्मक खबर है।
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