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कृषि मंत्रालय ने 14 जनवरी 2025 तक रबी फसलों के बुवाई क्षेत्र के आंकड़े जारी किए हैं, जो देश की कृषि परिदृश्य का महत्वपूर्ण संकेतक हैं। इस रबी सीजन में कुल बुवाई क्षेत्र 632.27 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष के 631.44 लाख हेक्टेयर के लगभग बराबर है।
इन आंकड़ों के अनुसार गेहूं ने भारतीय कृषि में अपनी महत्वपूर्ण स्थिति बरकरार रखी है। वर्तमान सीजन में 320 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई है, जो पिछले वर्ष के 315.63 लाख हेक्टेयर और सामान्य क्षेत्र 312.35 लाख हेक्टेयर से अधिक है। वहीं रबी धान की बुवाई भी 22.09 लाख हेक्टेयर तक बढ़ी है, जो पिछले वर्ष के 21.53 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
अगर इन आंकड़ों को दालों के मद्देनजर देखा जाए तो दालों के बुवाई क्षेत्र में मामूली परिवर्तन देखा गया। इस वर्ष दाल का कुल क्षेत्र 139.81 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष के 139.11 लाख हेक्टेयर के करीब ही है। गौरतलब है कि इस वर्ष चने की बुवाई 96.65 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि मसूर का क्षेत्र 17.43 लाख हेक्टेयर तक सिकुड़ गया है।
वहीं मोटे अनाज के अंतर्गत कुल क्षेत्र 53.55 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष के 53.37 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक है। ज्वार में गिरावट देखी गई, जहां बुवाई 23.58 लाख हेक्टेयर में हुई है। वहीं मक्का का क्षेत्र 22.37 लाख हेक्टेयर तक बढ़ा है।
तिलहन फसलों में बड़ी कमी आई है। तिलहन फसलों का कुल बुवाई क्षेत्र 96.82 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष के 101.8 लाख हेक्टेयर से कम है। बहरहाल सरसों अभी भी प्रमुख तिलहन फसल बनी हुई है, लेकिन इसके क्षेत्र में 88.5 लाख हेक्टेयर से गिरावट आई है। ये आंकड़े देश की कृषि गतिविधियों और फसल पैटर्न में हो रहे परिवर्तनों का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
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