/ground-report/media/media_files/2025/02/01/vxaokPDiPoDCGye29VQh.png)
सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट बढ़ा कर 5 लाख कर दी है। Photograph: (Ground Report/Canva)
केंद्र सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए कृषि क्षेत्र का बजट बढ़ाकर 1.71 लाख करोड़ रूपए कर दिया है। इस दौरान जहां एक ओर पीएम धन-धान्य कृषि योजना नामक नई योजना की घोषणा कि गई है वहीं किसानों को भी कुछ राहत दी गई है।
वित्तमंत्री ने अपने भाषण में बताया कि केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट बढ़ा दी है। पहले इस क्रेडिट कार्ड से किसान 3 लाख तक का खर्च कर सकते थे मगर अब यह सीमा 5 लाख तक बढ़ा दी गई है। आइए विस्तार से जानते हैं योजना के बारे में।
27 साल पहले शुरू हुई योजना
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना, भारत सरकार द्वारा 1998 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि आवश्यकताओं के लिए समय पर और पर्याप्त ऋण प्रदान करना है। इस योजना के तहत, किसानों को एक क्रेडिट कार्ड जारी किया जाता है, जिसके माध्यम से वे कृषि इनपुट्स की खरीद और उत्पादन आवश्यकताओं के लिए नकद निकासी कर सकते हैं।
मुख्य उद्देश्य:
-
फसलों की खेती के लिए अल्पकालिक ऋण की आवश्यकता को पूरा करना।
-
फसल कटाई के बाद के खर्चों का प्रबंधन।
-
किसान परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करना।
-
कृषि उपकरणों के रखरखाव और कृषि से संबंधित अन्य गतिविधियों के लिए पूंजी प्रदान करना।
-
कृषि और संबंधित गतिविधियों में निवेश के लिए ऋण की आवश्यकता को पूरा करना।
इस क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सरकार किसानों को 2% की ब्याज सब्सिडी देती है। समय पर कर्ज का भुगतान कर देने पर 3% की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है। इससे ऋण केवल 4% प्रति वर्ष की रियायती दर पर उपलब्ध होता है।
योजना के तहत आवेदन करने के लिए, किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की ज़रूरत होती है:
-
पहचान प्रमाण: ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट आदि।
-
पता प्रमाण: ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड आदि।
-
भूमि होल्डिंग का प्रमाण, जो राजस्व अधिकारियों द्वारा प्रमाणित हो।
-
फसल पैटर्न (उगाई जाने वाली फसलें) के साथ क्षेत्रफल का विवरण।
-
यदि ऋण सीमा 1.60 लाख रुपये/3.00 लाख रुपये से अधिक है, तो सुरक्षा दस्तावेज़।
आवेदन प्रक्रिया:
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए, किसान अपने नजदीकी बैंक शाखा में उपरोक्त दस्तावेजों के साथ संपर्क कर सकते हैं। बैंक द्वारा आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद, पात्र किसानों को केसीसी जारी किया जाता है।
इससे पहले 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए सरकार ने बताया कि मार्च 2024 तक देश में 7.75 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खाते चालू थे। इन पर 9.81 लाख करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। 31 मार्च 2024 तक मत्स्य पालन और पशुपालन गतिविधियों के लिए क्रमशः 1.24 लाख केसीसी और 44.40 लाख केसीसी जारी किए गए।
कैसे तय होती है ऋण सीमा?
एक बैंक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर हमें बताया कि किसी भी किसान के लिए क्रेडिट की सीमा उसकी ज़मीन के आधार पर तय होती है। यह मूल्य हर जिले के अनुसार कलेक्टर तय करते हैं। उदाहरण के लिए अगर भोपाल जिले के लिए यह मूल्य 33,000 रूपए प्रति एकड़ तय किया गया है तो उसे एक एकड़ के लिए 33,000 का लोन मिलेगा। अगर किसान यह लोन एक साल में ब्याज सहित चुका देता है तो उसकी सीमा 3% बोनस के रूप में बढ़ाई जाती है। इसके साथ ही हर साल यह सीमा 10% बढ़ती है।
भारत में स्वतंत्र पर्यावरण पत्रकारिता को जारी रखने के लिए ग्राउंड रिपोर्ट का आर्थिक सहयोग करें।
यह भी पढ़ें
कूड़े की यात्रा: घरों के फर्श से लैंडफिल के अर्श तक
‘अस्थमा है दादी को…’: दिल्ली में वायु प्रदूषण से मजदूर वर्ग सबसे ज़्यादा पीड़ित
किसान बांध रहे खेतों की मेढ़ ताकि क्षरण से बची रहे उपजाउ मिट्टी
कचरे से बिजली बनाने वाले संयंत्र 'हरित समाधान' या गाढ़ी कमाई का ज़रिया?
पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए आप ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सएप पर फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।
पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी जटिल शब्दावली सरल भाषा में समझने के लिए पढ़िए हमारी क्लाईमेट ग्लॉसरी।