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दुनिया के बड़े बैंक दे रहे हैं जीवाश्म ईधन को बढ़ावा: रिपोर्ट

पैरिस समझौते के बाद से बड़े बैंकों ने लगभग 7 ट्रिलियन डॉलर के साथ जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) का वित्तपोषण किया है। दुनिया के शीर्ष 60 निजी बैंक 4,200 से अधिक जीवाश्म ईंधन फर्मों और वित्तपोषण कंपनियों को अंडरराइट कर रहे हैं और ऋण दे रहे हैं।

By Chandrapratap Tiwari
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पैरिस समझौते के बाद से बड़े बैंकों ने लगभग 7 ट्रिलियन डॉलर (€6.5 ट्रिलियन) के साथ जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) का वित्तपोषण किया है। 15वीं वार्षिक बैंकिंग ऑन क्लाइमेट कैओस (BOCC) रिपोर्ट में देखा गया कि कैसे दुनिया के शीर्ष 60 निजी बैंक 4,200 से अधिक जीवाश्म ईंधन फर्मों और वित्तपोषण कंपनियों को अंडरराइट कर रहे हैं और ऋण दे रहे हैं, जिससे अमेज़ॅन और आर्कटिक का क्षरण हो रहा है।

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अमेरिका का जेपी मॉर्गन चेज सूची में शीर्ष पर 

2023 में अमेरिकी बैंक कुल राशि में 30 प्रतिशत का योगदान देकर सबसे बड़े फाइनेंसरों की सूची में शीर्ष पर हैं। जेपी मॉर्गन चेज़ (JPMorgan Chase) पिछले साल जीवाश्म ईंधन कंपनियों को दिए गए लगभग $41 बिलियन (€38 बिलियन) के साथ सूची में शीर्ष पर रहा और बैंक ऑफ अमेरिका तीसरे स्थान पर रहा। जापानी बैंक मिजुहो 37.1 बिलियन डॉलर (€34 बिलियन) के साथ दूसरे स्थान पर रहा।

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Source: BOCC

बार्कलेस बैंक यूरोप का सबसे बड़ा जीवाश्म ईंधन फाइनेंसर 

2023 में बार्कलेज (Barclays) यूरोप का सबसे बड़ा जीवाश्म ईंधन फाइनेंसर था, जिसने $24.2 बिलियन (€22.4 बिलियन) प्रदान किया। पैरिस समझौते के बाद से जीवाश्म ईंधन का वित्तपोषण करने वाले शीर्ष बैंकों की रैंकिंग में भी यह आठवें स्थान पर था।

2023 में सेंटेंडर 14.5 बिलियन डॉलर (€13.4 बिलियन) के साथ यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा बैंक था और डॉयचे बैंक (Deutsche Bank) 13.4 बिलियन डॉलर (€12.4 बिलियन) के साथ तीसरे स्थान पर था।

2016 में हुई पैरिस वार्ता (Paris Agreement) के बाद, 196 देशों ने कार्बन उत्सर्जन के परिणामस्वरूप वैश्विक तापन को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से अधिकतम 2C तक सीमित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। जिसमें अत्यधिक परिवर्तित जलवायु के सबसे बुरे प्रभावों को रोकने के लिए 1.5C की आदर्श सीमा थी। ये चोटी के वैश्विक बैंक हैं, और इनमे से कई बैंक ने 2021 में वैश्विक तापन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता भी दिखाई थी। विकसित देशों के इन बड़े बैंकों का पर्यावरण के लिए इतना लापरवाह रवैय्या चिंताजनक है।

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